देहरादून। उत्तराखंड के युवाओं को भविष्य की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता और रोजगारपरकता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को तकनीकी शिक्षा विभाग की एक वर्चुअल समीक्षा बैठक के दौरान, उन्होंने अधिकारियों से कहा कि औद्योगिक मांग के अनुरूप प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाएं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) व रोबोटिक्स जैसे अत्याधुनिक विषयों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाए।
उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण और व्यावहारिक अनुभव
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य के तकनीकी संस्थानों से निकलने वाले छात्रों को उद्योगों में आसानी से रोजगार मिल सके, इसके लिए पाठ्यक्रम को मौजूदा औद्योगिक जरूरतों के हिसाब से ढालना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिक से अधिक प्रशिक्षणार्थियों को कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से नौकरी के अवसर प्राप्त हों। इसके साथ ही, उन्होंने छात्रों को उद्योगों का शैक्षणिक भ्रमण कराने पर भी जोर दिया, ताकि उन्हें किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव भी मिल सके, जो उन्हें पेशेवर दुनिया के लिए बेहतर ढंग से तैयार करेगा।
गुणवत्ता सुधार के लिए आईआईटी रूड़की का सहयोग
तकनीकी संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक ले जाने के लिए, मुख्यमंत्री ने आईआईटी रूड़की के साथ मिलकर काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि रूड़की में स्थित ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का अधिकतम उपयोग राज्य के युवाओं के हित में कैसे किया जा सकता है, इस पर एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए। इसके अलावा, युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए नियमित रूप से रोजगार मेलों का आयोजन करने के भी निर्देश दिए गए।
योजनाओं के परिणाम पर रहेगी नजर
मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि भविष्य में जो भी योजनाएं बनाई जाएं, उनमें ‘आउटकम इंडिकेटर्स’ (परिणाम सूचकांकों) को विशेष रूप से शामिल किया जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजनाओं का वास्तविक प्रभाव और सफलता को स्पष्ट रूप से मापा जा सके, जिससे भविष्य की नीतियों को और बेहतर बनाया जा सके।
सतत विकास लक्ष्यों और वैश्विक अवसरों पर फोकस
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की दिशा में एक अग्रणी राज्य बनाना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए, युवाओं को केवल तकनीकी कौशल में ही नहीं, बल्कि सॉफ्ट स्किल्स, उद्यमिता और नवाचार के क्षेत्रों में भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्लेसमेंट पोर्टल, करियर मार्गदर्शन, इंटर्नशिप और विदेशी भाषाओं के प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं के लिए न केवल राज्य में बल्कि विदेशों में भी रोजगार और उच्च शिक्षा के अवसर सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव तकनीकी शिक्षा रंजीत सिन्हा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।