नई दिल्ली। रूस के साथ चल रहे भीषण युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने अपनी सरकार के शीर्ष नेतृत्व में एक बड़े बदलाव का संकेत दिया है। उन्होंने देश की मौजूदा उप प्रधानमंत्री और एक अनुभवी अर्थशास्त्री, यूलिया स्विरीडेंको को यूक्रेन का अगला प्रधानमंत्री नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा है। यह कदम यूक्रेन की कार्यपालिका को पुनर्गठित करने और युद्धकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाने की एक बड़ी कवायद का हिस्सा माना जा रहा है।
ज़ेलेंस्की ने किया बदलाव का एलान
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से इस महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की। उन्होंने कहा, “हम यूक्रेन में कार्यपालिका में बदलाव की शुरुआत कर रहे हैं। मैंने यूलिया स्विरीडेंको को यूक्रेन की सरकार का नेतृत्व करने और कामकाज को बेहतर बनाने के लिए आमंत्रित किया है। मैं भविष्य में नई सरकार के कार्य कार्यक्रम को पेश करने के लिए उत्सुक हूं।”
ज़ेलेंस्की ने हाल ही में यूलिया स्विरीडेंको के साथ एक बैठक भी की थी, जिसमें यूक्रेन रिकवरी कॉन्फ्रेंस के दौरान यूरोपीय और अमेरिकी भागीदारों के साथ हुए समझौतों के कार्यान्वयन पर चर्चा हुई। ज़ेलेंस्की का यह कदम दर्शाता है कि वह देश की आर्थिक बहाली और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं।
कौन हैं यूलिया स्विरीडेंको?
39 वर्षीय यूलिया स्विरीडेंको यूक्रेन की एक जानी-मानी अर्थशास्त्री और प्रशासक हैं। उनका जन्म चेर्निहीव में हुआ था और उन्होंने 2008 में कीव इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रेड एंड इकोनॉमिक्स से स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कीव में एक यूक्रेनी-एंडोरा रियल एस्टेट फर्म में एक वित्तीय अर्थशास्त्री के रूप में की थी, जिसके बाद उन्होंने सार्वजनिक सेवा में कदम रखा।
वह सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। साल 2021 से वह यूक्रेन की प्रथम उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले, वह आर्थिक विकास और व्यापार मंत्री के साथ-साथ राष्ट्रपति कार्यालय में उप-प्रमुख की भूमिका भी निभा चुकी हैं। उनका व्यापक अनुभव उन्हें अर्थव्यवस्था, व्यापार और प्रशासन की गहरी समझ प्रदान करता है, जो युद्ध से जूझ रहे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस नियुक्ति के मायने
यूलिया स्विरीडेंको को प्रधानमंत्री के रूप में प्रस्तावित करने का ज़ेलेंस्की का निर्णय कई मायनों में अहम है। पहला, यह दर्शाता है कि यूक्रेन का फोकस अब सैन्य रक्षा के साथ-साथ देश की आर्थिक स्थिरता और पुनर्निर्माण पर भी है। स्विरीडेंको की आर्थिक पृष्ठभूमि उन्हें अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से सहायता प्राप्त करने, विदेशी निवेश आकर्षित करने और युद्ध से तबाह हुई अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की रणनीतियां बनाने में मदद करेगी।
दूसरा, यह कदम सरकार में एक नई ऊर्जा और दृष्टिकोण लाने का प्रयास हो सकता है, ताकि प्रशासन अधिक कुशलता से काम कर सके। अब इस प्रस्ताव को यूक्रेनी संसद ‘वेर्खोव्ना राडा’ में अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। अगर संसद इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है, तो यूलिया स्विरीडेंको यूक्रेन की नई प्रधानमंत्री बन जाएंगी और देश के सबसे चुनौतीपूर्ण दौर में सरकार का नेतृत्व करेंगी।
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