Cricket: लॉर्ड्स में हार के बाद सवालों के घेरे में कोच गंभीर, टेस्ट में भविष्य पर मंडराए संकट के बादल

लंदन। क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर भारत को इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा। शुभमन गिल की युवा टीम ने मेजबान टीम को कड़ी टक्कर दी, लेकिन अंत में जीत इंग्लैंड के हाथ लगी। इस हार के साथ ही इंग्लैंड ने पांच मैचों की सीरीज में 2-1 की महत्वपूर्ण बढ़त बना ली है और भारतीय टीम पर सीरीज हार का खतरा मंडराने लगा है। इस शिकस्त के बाद टीम से ज्यादा मुख्य कोच गौतम गंभीर की भूमिका और टेस्ट क्रिकेट में उनकी रणनीति सवालों के घेरे में आ गई है।

टेस्ट में फीका प्रदर्शन, आंकड़े दे रहे गवाही

गौतम गंभीर को जब मुख्य कोच बनाया गया था, तब उनसे आक्रामक और निडर क्रिकेट की उम्मीद की गई थी। सीमित ओवरों के प्रारूप में जहां टीम ने उनके नेतृत्व में कुछ यादगार सफलताएं हासिल की हैं, वहीं टेस्ट क्रिकेट में कहानी बिल्कुल विपरीत है। गंभीर की कोचिंग में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड बेहद चिंताजनक रहा है। अब तक टीम ने उनके मार्गदर्शन में कुल 13 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से टीम को 8 में करारी हार का सामना करना पड़ा है और केवल 4 में जीत मिली, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा है।

यह सिलसिला घरेलू मैदानों पर भी जारी रहा। गंभीर की कोचिंग में ही भारत को अपनी धरती पर न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी, जो पिछले 12 वर्षों में भारत की पहली घरेलू टेस्ट सीरीज हार थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रतिष्ठित बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी टीम 1-3 से हार गई। इन लगातार मिल रही असफलताओं ने टेस्ट क्रिकेट में गंभीर के कोचिंग कार्यकाल पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

इंग्लैंड दौरे पर भी डगमगाई नैया

मौजूदा इंग्लैंड सीरीज में भी टीम का प्रदर्शन अस्थिर रहा है। भारत ने लीड्स में पहला टेस्ट गंवाया, जिसके बाद एजबेस्टन में शानदार वापसी करते हुए सीरीज 1-1 से बराबर कर ली। ऐसा लगा कि टीम ने लय पकड़ ली है, लेकिन लॉर्ड्स में मिली शिकस्त ने एक बार फिर टीम की कमजोरियों को उजागर कर दिया। मैच के बाद तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज का मैदान पर भावुक होना टीम की निराशा और दबाव को साफ बयां कर रहा था।

अब आगे क्या? सीरीज और साख बचाने की चुनौती

अब भारतीय टीम के सामने सीरीज बचाने की कठिन चुनौती है। सीरीज का चौथा टेस्ट मैच 23 जुलाई से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला जाएगा, जबकि पांचवां और अंतिम मुकाबला लंदन के द ओवल मैदान पर होगा। यदि भारत को यह सीरीज जीतनी है, तो उसे बचे हुए दोनों मैच जीतने होंगे। वहीं, सीरीज ड्रॉ कराने के लिए टीम को कम से कम एक मैच जीतना और एक ड्रॉ कराना होगा।

ये दो मैच सिर्फ सीरीज का फैसला नहीं करेंगे, बल्कि यह कोच गौतम गंभीर के भविष्य की दिशा भी तय कर सकते हैं। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत यह सीरीज गंवाता है, तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) गंभीर के कोचिंग भविष्य, खासकर टेस्ट प्रारूप को लेकर, एक कड़ा फैसला ले सकता है और उनके कार्यकाल पर पुनर्विचार किया जा सकता है।

 

Pls read:Cricket: 14 साल के वैभव सूर्यवंशी का ऐतिहासिक कारनामा, यूथ टेस्ट में विकेट लेने वाले बने सबसे युवा भारतीय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *