ब्रासीलिया। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेजबान देश के साथ भारत के मजबूत होते संबंधों और वैश्विक मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण को रेखांकित किया। ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद पीएम मोदी ने एक सशक्त बयान देते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और ब्राजील पूरी तरह से एक साथ खड़े हैं।
दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें आतंकवाद पर दोनों देशों के स्पष्ट और दृढ़ रुख को दोहराया गया। बयान के अनुसार, “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारा दृष्टिकोण समान है। हम शून्य सहिष्णुता (Zero Tolerance) और शून्य दोहरा मापदंड (Zero Double Standards) की नीति का पालन करते हैं।” दोनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद जैसे गंभीर वैश्विक खतरे के मामले में किसी भी प्रकार के दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं है। भारत और ब्राजील ने आतंकवाद और इसका किसी भी रूप में समर्थन करने वालों का मिलकर कड़ा विरोध करने का संकल्प लिया।
इस बैठक के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस संवेदनशील मुद्दे पर ब्राजील के समर्थन के लिए राष्ट्रपति लूला का आभार व्यक्त किया।
विदेश सचिव पी. कुमारन ने इस वार्ता की जानकारी देते हुए बताया कि यह बैठक केवल आतंकवाद तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें द्विपक्षीय सहयोग के कई अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर भी गहन चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “रक्षा के क्षेत्र में भारत और ब्राजील का बढ़ता सहयोग दोनों देशों के बीच गहरे होते विश्वास का एक स्पष्ट उदाहरण है। हम इस रणनीतिक साझेदारी को भविष्य में और भी अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इसके अलावा, दोनों नेताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सुपर कंप्यूटर, कृषि, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा परिवर्तन, जलवायु परिवर्तन, तेल और गैस, जैव-ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और निवेश जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी का यह ब्राजील दौरा उनके 8 दिवसीय 5 देशों के दौरे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। ब्राजील में अपने कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संपन्न करने के बाद पीएम मोदी अपने अगले गंतव्य नामीबिया के लिए रवाना होंगे। उनके नामीबिया दौरे का एक विशेष आकर्षण वहां की संसद को संबोधित करना होगा, जो अफ्रीका के साथ भारत के बढ़ते जुड़ाव का प्रतीक है।