शिमला। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के किसानों के लिए एक दशक से अधिक का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। केंद्र सरकार ने बहुप्रतीक्षित और लंबे समय से अटकी हुई फिना सिंह सिंचाई परियोजना के लिए 55.51 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि को मंजूरी दे दी है। यह वित्तीय सहायता प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के अंतर्गत त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) के तहत राज्य की वार्षिक योजना 2025-26 के लिए जारी की गई है।
यह परियोजना धन की कमी के कारण एक दशक से भी अधिक समय से अधर में लटकी हुई थी, जिससे क्षेत्र के हजारों किसानों की उम्मीदें धूमिल हो रही थीं। राज्य सरकार इस मामले को लगातार केंद्र सरकार के समक्ष उठा रही थी। जल शक्ति मंत्रालय के साथ कई दौर की बातचीत और विचार-विमर्श के बाद यह सफलता हाथ लगी है।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस परियोजना के महत्व को समझती थी और इसे पुनर्जीवित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध थी। उन्होंने कहा, “मैंने व्यक्तिगत रूप से भी इस परियोजना के लिए धन जारी करने की पुरजोर वकालत की थी ताकि इसे समय पर पूरा किया जा सके। हमने केंद्र के समक्ष इस परियोजना से जुड़े कई अन्य प्रमुख मुद्दों को भी उठाया था। हमें खुशी है कि हमारे प्रयासों का सकारात्मक परिणाम मिला है।”
इस परियोजना को अब किसानों के लिए ‘उम्मीद की एक नई किरण’ के रूप में देखा जा रहा है। एक दशक से अधिक समय से रुकी हुई इस परियोजना के पुनर्जीवित होने से क्षेत्र में कृषि क्रांति आने की संभावना है। परियोजना के पूरा होने पर, कांगड़ा जिले की हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की विश्वसनीय सुविधा मिलेगी। इससे न केवल फसलों की पैदावार बढ़ेगी, बल्कि किसानों को पानी के लिए मानसून पर अपनी निर्भरता कम करने में भी मदद मिलेगी। इससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और क्षेत्र की कृषि अर्थव्यवस्था को एक बड़ा impulso मिलेगा।
केंद्र सरकार द्वारा इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए धन की मंजूरी राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों की एक बड़ी जीत है। यह न केवल अधूरी पड़ी एक परियोजना को पूरा करेगा, बल्कि कांगड़ा के हजारों किसान परिवारों के जीवन में समृद्धि और स्थिरता लाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। अब उम्मीद है कि परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ेगा और जल्द ही किसानों के खेत पानी से लहलहाएंगे।