देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने “मुख्य सेवक संवाद” कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के विकासकर्ताओं के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:
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“सौर सखी”: मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से जुड़ी महिलाओं को “सौर सखी” नाम दिया जाएगा.
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प्रशिक्षण: सौर प्लांट के रखरखाव के लिए हर ज़िले में लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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विशेष शिविर: मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना और स्वरोजगार से जुड़ी अन्य योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए विकासखंडों में विशेष शिविर लगाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत राज्य में 250 मेगावाट का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है और योजना का विस्तार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा एक असीमित और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए की जा रही कोशिशों की भी सराहना की, जिनमें प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना, पीएम कुसुम योजना और इंटरनेशनल सोलर अलाइंस का गठन शामिल है.
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की नई सौर ऊर्जा नीति का भी ज़िक्र किया, जिसके तहत 2027 तक 2500 मेगावाट सौर क्षमता हासिल करने का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि राज्य में रूफटॉप सोलर प्लांट और पीएम सूर्य घर योजना के लिए विशेष सब्सिडी दी जा रही है. मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत 20 से 200 किलोवाट तक की परियोजनाओं पर 20 से 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति और दिव्यांगजनों को 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान भी दिया जा रहा है. इसके अलावा, ऋण पर 4 प्रतिशत की सब्सिडी और यूपीसीएल द्वारा 25 साल तक बिजली खरीद की गारंटी भी दी जा रही है. पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन से लेकर आवंटन तक की व्यवस्था की गई है.
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