देहरादून। मेरठ में हत्या व हत्या के प्रयास सहित आठ मुकदमों में शामिल इनामी बदमाश जितेंद्र को डालनवाला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बदमाश पर 25 हजार रुपये का इनाम था।
रविवार को डालनवाला कोतवाली की सीओ जूही मनराल ने बताया कि पीजीएफ और पीएसीएल की कुछ संपत्तियां विवादित थीं। वर्ष 2015 में सीबीआइ की जांच के बाद सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर देशभर में पीजीएफ की 348 और पीएसीएल की 14000 संपत्तियों को सीज कर दिया गया था। देहरादून के विभिन्न इलाकों में भी पीजीएफ और पीएसीएल की सीज संपत्तियां हैं।
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बीते दिनों देहरादून में भाऊवाला, धोरणखास, तरला आमवाला, बड़ोवाला व मसूरी में पीजीएफ और पीएसीएल की सीज संपत्तियों को डिफेंस कालोनी स्थित एसपीके वर्ल्ड काम प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक पूजा मलिक, संजीव मलिक, जितेंद्र उर्फ जानी और उनके साथियों ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व हरियाणा के व्यक्तियों को बेच दीं। इसके बदले आरोपितों ने उनसे एक करोड़ 73 लाख रुपये ठग लिए। इस मामले में छह जनवरी 2022 को आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस पूजा मलिक व उसके पति संजीव मलिक निवासी डिफेंस कालोनी सहित पांच आरोपितों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। गिरोह के सरगना संजीव मलिक का दायां हाथ कहे जाना वाला बदमाश जितेंद्र उर्फ जानी निवासी अमन विहार, सहस्रधारा रोड मूल निवासी ग्राम भगवानपुर, जिला मेरठ फरार चल रहा था, जिस पर 25 हजार रुपये इनाम था। रविवार को एसएसआइ महादेव प्रसाद उनियाल ने उसे ईसी रोड से गिरफ्तार कर लिया।
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