देहरादून। दो पूर्व मुख्यमंत्रियों त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत के बयानों से भाजपा असहज हो रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट दोनों नेताओं के बयानों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से मिले।
भट्ट ने कहा कि अगर किसी मामले में दोनों नेताओं को आपत्ति है तो वह पार्टी फोरम में अपनी बात रखें न कि सार्वजनिक मंच पर। पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत का कमीशनखोरी को लेकर एक बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। उन्होंने कहा था कि यूपी में जो कमीशनखोरी की प्रथा प्रचलित थी वह उत्तराखंड में भी जारी है। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का एक बयान सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहा था कि स्मार्ट सिटी उनके कार्यकाल में देश में 9वें स्थान पर था लेकिन आज जो हो रहा है उससे सरकार की छवि खराब हो रही है।
त्रिवेंद्र के स्मार्ट सिटी पर बयान से धामी सरकार असहज है। स्मार्ट सिटी पर त्रिवेंद्र से पहले भी मेयर और कई विधायक सवाल खड़ा कर चुके हैं। सीएम धामी खुद स्मार्ट सिटी के कामकाज से नाराज हैं। बयान चूंकि पार्टी के दिग्गज नेताओं के थे, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को दिल्ली का रुख करना पड़ा।उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम से भेंट की।
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बयानों से उपजे सियासी हालात बयां किए। बताया जा रहा है कि उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई है कि वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक मंचों के बजाए पार्टी फोरम पर अपनी बात रखनी चाहिए।वहीं, इसे भाजपा में अंतरद्वंद्व के तौर पर भी देखा जा रहा है। महेंद्र भट्ट ने केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मुलाकात में दोनों वरिष्ठ नेताओं के बयानों पर चर्चा हुई
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