शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल का आखिरी एवं पांचवां बजट पेश किया। चुनावी वर्ष के चलते जयराम सरकार ने लोकलुभावने फैसले भी लिये हैं। हिमाचल सरकार मुख्यमंत्री गृहणी सुविधा योजना शुरू करेगी, जिसमें एक साल में तीन सिलेंडर मुफ्त मिलेंगे। इसके साथ ही विधानसभाओं में विकास कार्य तेज करने के लिए विधायक ऐच्छिक निधि दस लाख रुपये से बढाकर 12 लाक रुपये करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने बजट पेश करने हुए कहा कि 12921 करोड़ रुपये के विकासात्मक परिव्यय प्रस्तावित हैं, जिसमें विकासात्मक करीब 9534 करोड़ रुपये के प्रस्तावित है। अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के लिए 2400 तथा जनजाति विकास कार्यक्रम के लिए 865 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। विधायक प्राथमिकता योजना के तहत 150 करोड़ का प्रविधान किया है। यह सीमा बढ़ाई गई है।
मुख्यमंत्री गृहणी सुविधा योजना जारी रहेगी। अब तीन सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे। अब एक अतिरिक्त सिलेंडर मिलेगा। पहले दो सिलेंडर मिल रहे थे। 15 करोड़ रुपये की लागत से दो अनाज मंडी बनाई जाएंगी। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, सौ गांवाें में शुरुआत की जाएगी। दस मंडी में प्राकृतिक खेती के उत्पाद बिकेंगे। प्राकृतिक खेती को पाठयक्रम में शामिल किया जाएगा।
एक और पुष्प मंडी स्थापित होगी, इस पर 13 करोड़ खर्च होंगे। ड्रैगन फ्रूट की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। परंपरागत मक्की के लिए दो करोड़ का प्रावधान किया गया। कृषि क्षेत्र के लिए 2022 में 583 करोड़ का प्रविधान किया गया है। मधुमक्खियों के विकास के लिए 4.50 करोड़ खर्च होंगे। प्रदेश में बागवानी नीति तैयार होगी। 543 करोड़ बागवानी के लिए खर्च होंगे।
विधायक क्षेत्र विकास निधि 1 करोड़ 80 लाख से 2 करोड़ की गई। विधायक ऐच्छिक निधि 1000000 रुपये से मिलकर 1200000 रुपये करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जब मैं सत्ता में आया था तब विधायक प्रतिनिधि 500000 थी।
गोवंश को लेकर सरकार वर्तमान कानून में कड़ा प्रविधान करेगी। यदि आवश्यकता हुई तो नया कानून बनाया जाएगा। पांच बड़ी गो सेंक्चुअरी बनाई जाएंगी। गोवंश को अब 500 रुपये के स्थान पर 700 रुपये का प्रविधान किया जाएगा।
दूध की खरीद में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की गई। पात्र पशुपालन सहायक को फार्मासिस्ट के पद पर नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए आवश्यकतानुसार संबंधित नियमों में बदलाव किया जाएगा। पशुपालकों की सहायता के लिए कॉल सेंटर स्थापित किए जाएंगे।