हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति सर्दियों के दौरान पेयजल लाइनों को जमने से पैदा होनी वाली समस्या का जल्द समाधान निकलने जा रहा है। स्थानीय लोगों सर्दियों में बर्फ को पिघलाकर पेयजल के लिए इस्तेमाल करना पड़ता है। अब राज्य सरकार ने प्रदेश में पहली बार एंटी फ्रीजिंग पेयजल परियोजना को मंजूरी दी है, जिसके लिए 13.19 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इससे घाटी में माइनस 15 डिग्री तापमान में भी पाइपों में पीने का पानी नहीं जमेगा। परियोजना के लिए तीन परत वाले पानी के पाइप इस्तेमाल होंगे। यही नहीं, जल उपचार संयंत्र को भी गरम रखने की व्यवस्था होगी।
इससे लाहौल वासियों को सर्दियों में 24 घंटे पेयजल की किल्लत नहीं होगी। इसके बाद प्रदेश के शिमला समेत अन्य ठंडे इलाकों में भी ऐसी पेयजल परियोजना पर काम हो सकता है। जल शक्ति विभाग इस पेयजल परियोजना को लाहौल के मुख्यालय केलांग में शुरू करने जा रहा है। मार्च में इसके टेंडर आमंत्रित किए जा रहे हैं। लाहौल-स्पीति जैसे कड़ाके की ठंड वाले इलाके में सर्दियों के दौरान तापमान माइनस 15 डिग्री तक लुढ़क जाने से पेयजल योजनाएं बर्फ से जम जाती हैं। ऐसे में बर्फबारी वाले क्षेत्रों में एंटी फ्रीजिंग पेयजल परियोजना एक वरदान साबित होगी।