शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस संगठन में बड़े बदलावों की तैयारी हो चुकी है और जिला अध्यक्ष पद के लिए लॉबिंग अपने चरम पर पहुंच गई है। संगठन सृजन अभियान के तहत नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सौंप दी है। अब सबकी निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं जहां पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इन नामों पर अपनी अंतिम मुहर लगाएगा। इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गए हैं जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार एक दिन पहले ही यानी गुरुवार को दिल्ली पहुंच चुके थे।
शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी की अहम बैठक होनी है जिसमें मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों हिस्सा लेंगे। इस बैठक के बाद सुक्खू और विनय कुमार की पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ एक अलग बैठक प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि इसी बैठक में जिला अध्यक्षों के नामों पर चर्चा होगी और अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक जिला अध्यक्षों के नाम लगभग तय हो चुके हैं लेकिन इस बार शीर्ष नेतृत्व ने समन्वय और संतुलन बनाने के लिए कुछ बदलाव किए हैं। नियुक्तियों में क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
इस बार एक बड़ा बदलाव यह भी देखने को मिल रहा है कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का अधिकार जो अब तक प्रदेश अध्यक्ष के पास होता था वह अब उनके पास नहीं है। पहले प्रदेश अध्यक्ष नाम तय कर शीर्ष नेतृत्व को भेजते थे और आदेश जारी हो जाते थे लेकिन इस बार प्रक्रिया बदल गई है। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर मुहर लगाने से पहले मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से विचार विमर्श जरूर किया जाएगा। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद ही संगठन सृजन अभियान का दूसरा चरण शुरू होगा जिसमें ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार 27 दिसंबर को ही वापस लौट आएंगे क्योंकि 28 दिसंबर को नालागढ़ में आयोजित होने वाले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम की उन्हें अध्यक्षता करनी है। इसके अलावा 28 दिसंबर को कांग्रेस के 140वें स्थापना दिवस के मौके पर प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में भी सुबह 11 बजे एक विशेष कार्यक्रम होगा। यहां पार्टी के संघर्ष, सेवा और समर्पण पर एक जिला स्तरीय सेमिनार आयोजित किया जाएगा जिसकी अध्यक्षता बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे। इस सेमिनार में शिमला जिला के सभी पार्टी नेताओं, पूर्व पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और पार्षदों को आमंत्रित किया गया है।
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