नई दिल्ली/चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के संगरूर से लोकसभा सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने संसद में पूरक मांगों पर चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए और केंद्र सरकार से पंजाब के लिए विशेष अनुदान की मांग की। अपने संबोधन में मीत हेयर ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की समस्याओं को प्रमुखता से रखा। उन्होंने मांग की कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नियमित किया जाए और उन्हें दिए जाने वाले बेहद कम मानदेय में बढ़ोतरी की जाए। उनका कहना था कि बाल विकास में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एक अहम भूमिका निभाती हैं लेकिन इसके बावजूद उनका शोषण हो रहा है। केंद्र सरकार कार्यकर्ताओं को केवल 4500 रुपये और सहायिकाओं को 2250 रुपये देती है जो बेहद कम है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उनका वेतन तय किया जाए और उनकी सेवाओं को पक्का किया जाए।
मीत हेयर ने विकसित भारत मॉडल पर तंज कसते हुए कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 123 देशों की सूची में 102वें स्थान पर है जो चिंता का विषय है। उन्होंने पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ का मुद्दा भी जोर शोर से उठाया। आप सांसद ने कहा कि बाढ़ के कारण पंजाब को लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का भारी आर्थिक नुकसान हुआ है और राज्य का बुनियादी ढांचा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री ने पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपये के बाढ़ राहत पैकेज की घोषणा की थी लेकिन अभी तक राज्य को कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि घोषित पैकेज के साथ-साथ राज्य को हुए वास्तविक नुकसान की भरपाई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि तुरंत जारी की जाए।
जनसंख्या वृद्धि और जनगणना न होने का मुद्दा उठाते हुए मीत हेयर ने कहा कि कोविड के कारण 2021 में जनगणना नहीं हो पाई थी और निकट भविष्य में भी इसके होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। उन्होंने तर्क दिया कि 2011 की जनगणना के आधार पर पंजाब में राशन कार्ड जारी किए गए थे लेकिन अब जनसंख्या बढ़ने के साथ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या भी बढ़ गई है। इसलिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य में राशन कार्डों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और नए राशन कार्ड तुरंत जारी किए जाने चाहिए।
खेलों के क्षेत्र में पंजाब के साथ हो रहे भेदभाव को उजागर करते हुए मीत हेयर ने कहा कि खेलो इंडिया ग्रांट में पंजाब को दरकिनार किया गया है जबकि गुजरात को 2024 में करोड़ों रुपये दिए गए। उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि 2024 के पेरिस ओलंपिक में गुजरात ने एक भी पदक नहीं जीता जबकि पंजाब के आठ खिलाड़ियों ने हॉकी में पदक हासिल किए। उन्होंने पंजाब के संसारपुर जैसे गांवों का उदाहरण दिया जहां एक ही गांव से कई पदक विजेता खिलाड़ी निकले हैं। मीत हेयर ने मांग की कि राज्यों को खेल अनुदान उनके खेल प्रदर्शन के आधार पर आवंटित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत 2030 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करने वाला है लेकिन केंद्र सरकार ने इस बार पूरक मांगों में खेलों के लिए कोई मांग नहीं रखी है।