China: भारत के जोरावर टैंक को देख चीन ने अपने युद्धक टैंकों की ताकत और तकनीकी क्षमता बढ़ाई – The Hill News

China: भारत के जोरावर टैंक को देख चीन ने अपने युद्धक टैंकों की ताकत और तकनीकी क्षमता बढ़ाई

नई दिल्ली। सीमा पर अपनी सुरक्षा और सामरिक शक्ति को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए एक बड़े कदम के बाद पड़ोसी देश चीन ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। भारत ने हाल ही में चीन सीमा के निकट उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में तैनाती के लिए स्वदेशी रूप से विकसित हल्के टैंक जोरावर का अनावरण किया था। भारत के इस कदम के जवाब में अब चीन ने अपने युद्धक टैंक को अपग्रेड किया है। इस घटनाक्रम को दोनों देशों के बीच सीमा पर चल रही सामरिक प्रतिस्पर्धा के रूप में देखा जा रहा है।

चीन ने अपनी टाइप 99 श्रृंखला के टैंकों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। जानकारी के मुताबिक चीन ने इस टैंक में सूचना आधारित कमांड और संचार क्षमताओं को पहले से कहीं ज्यादा बेहतर बनाया है। इसके साथ ही एकीकृत अग्निशक्ति को भी और मजबूत किया गया है ताकि युद्ध की स्थिति में यह ज्यादा कारगर साबित हो सके। चीन द्वारा अपग्रेड किया गया यह टैंक खास तौर पर तिब्बत सहित उच्च हिमालयी क्षेत्रों और अत्यधिक ठंडे मौसम वाले इलाकों में बेहतर संचालन के लिए तैयार किया गया है। चीन का मकसद इन विषम परिस्थितियों वाले इलाकों में अपनी पकड़ को मजबूत करना है।

यह कदम ऐसे समय में सामने आया है जब भारत अपनी पर्वतीय युद्ध क्षमताओं को लगातार मजबूत करने पर जोर दे रहा है। भारत सरकार और सेना का पूरा फोकस सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे और सैन्य उपकरणों को अत्याधुनिक बनाने पर है। भारतीय सेना के लिए विकसित किए गए जोरावर टैंक का नाम इतिहास के पन्नों से लिया गया है। इस टैंक का नाम डोगरा योद्धा जनरल जोरावर सिंह के नाम पर रखा गया है जिन्होंने हिमालयी क्षेत्रों में अपनी वीरता का लोहा मनवाया था।

दोनों देशों के टैंकों की तुलना करें तो वजन के मामले में बड़ा अंतर देखने को मिलता है। भारतीय सेना के लिए तैयार किए गए जोरावर हल्के टैंक का वजन करीब 25 टन है। इसे हल्का इसलिए रखा गया है ताकि दुर्गम पहाड़ी रास्तों पर इसे आसानी से ले जाया जा सके और तैनात किया जा सके। वहीं दूसरी ओर चीन का टाइप 99 टैंक वजन के मामले में भारतीय टैंक से काफी भारी है। चीन के इस टैंक का वजन लगभग 55 टन है जो भारतीय टैंक की तुलना में दोगुने से भी अधिक है।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत द्वारा जोरावर जैसे हल्के टैंक को सीमा पर तैनात करने की योजना ने चीन को अपनी रणनीति पर दोबारा सोचने के लिए मजबूर किया है। यही कारण है कि चीन ने अपने भारी भरकम टाइप 99 टैंकों को तकनीकी रूप से अपग्रेड करके उन्हें पहाड़ी इलाकों के अनुकूल बनाने की कोशिश की है। इन अपग्रेड्स के जरिए चीन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उसके टैंक सूचना तंत्र और संचार के मामले में पीछे न रहें। फिलहाल दोनों देश अपनी-अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

 

Pls read:China: पुतिन की भारत यात्रा पर चीन की सकारात्मक प्रतिक्रिया तीनों देशों के गठजोड़ को बताया जरूरी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *