उत्तराखंड सचिवालय में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में व्यय वित्त समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के विकास से जुड़े विभिन्न विभागों के कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा की गई और उन्हें वित्तीय मंजूरी प्रदान की गई। मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि परियोजनाओं को केवल मंजूरी मिलना ही काफी नहीं है बल्कि जमीन पर उनका समय से उतरना सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से लेकर कार्य पूरा होने तक हर चरण के लिए एक निश्चित समय सीमा तय की जाए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि विभागों को अपनी परियोजनाओं की हर स्तर पर नियमित रूप से मॉनिटरिंग करनी चाहिए ताकि तय समय के भीतर जनता को इनका लाभ मिल सके। उन्होंने विकास कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया और कहा कि काम की क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बैठक में नंदा राजजात यात्रा की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि यात्रा से जुड़े सभी निर्माण और मरम्मत कार्यों को एक निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा कर लिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हों।
समिति की बैठक में पेयजल और बुनियादी ढांचे से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दिखाई गई। इसमें सबसे प्रमुख चंपावत जिले के लोहाघाट टाउन पंपिंग पेयजल योजना है। इस योजना की कुल लागत 8444.67 लाख रुपये आंकी गई है जिसे समिति ने मंजूरी दे दी है। इसके अलावा पर्यटन नगरी नैनीताल के रामनगर में पार्किंग की समस्या को दूर करने के लिए मल्टीस्टोरी पार्किंग बनाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिल गई है जिसकी लागत 3857.64 लाख रुपये होगी।
सड़क और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई गई। इसके तहत नंदप्रयाग घाट-सुतोल-कनोल मोटर मार्ग का सुदृढ़ीकरण और डामरीकरण किया जाएगा जिस पर 1289.21 लाख रुपये खर्च होंगे। वहीं चंपावत के टनकपुर में मीडिया सेंटर, गेस्ट हाउस और कम्युनिटी हॉल के निर्माण के लिए 1424.52 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। पुलिस विभाग के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए भी समिति ने धन आवंटित किया है। रुद्रपुर में पीएसी बटालियन के लिए आरटीसी और 188 बिस्तरों वाली बैरक बनाने के लिए 1991.54 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। साथ ही देहरादून में साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी जिस पर 3034.78 लाख रुपये की लागत आएगी।
बैठक में अमृत 2.0 योजना के तहत भी कई फैसलों पर सहमति बनी। इसके अंतर्गत विभिन्न स्थानीय निकायों में पेयजल व्यवस्था सुधारने, पार्कों का सौंदर्यीकरण करने और जलाशयों के कायाकल्प से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मुख्य सचिव ने विशेष रूप से निर्देश दिए कि पार्कों और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने पर खास ध्यान दिया जाए। इस महत्वपूर्ण बैठक में सचिव शैलेश बगौली, श्रीधर बाबू अद्दांकी, विनोद कुमार सुमन, एसएन पाण्डेय, युगल किशोर पंत सहित अपर सचिव विनीत कुमार, निवेदिता कुकरेती और विम्मी सचदेव जैसे वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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