देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी यानी आईएमए के ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर में शनिवार को देशभक्ति और अनुशासन का अद्भुत नजारा देखने को मिला। मौका था अकादमी की 157वीं पासिंग आउट परेड का जहां देश के कोने-कोने से आए जांबाज कैडेट्स अंतिम पग भरकर भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन गए। इस भव्य समारोह के साथ ही भारतीय सेना को 525 नए युवा सैन्य अधिकारी मिल गए हैं जो अब देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात होंगे। गौरव और सैन्य परंपराओं से सराबोर इस कार्यक्रम में थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने परेड की सलामी ली और निरीक्षण किया।
शनिवार 13 दिसंबर 2025 की सुबह ड्रिल स्क्वायर पर कदमताल करते कैडेट्स का जोश देखते ही बन रहा था। यह समारोह अकादमी के आदर्श वाक्य वीरता और विवेक का जीवंत उदाहरण था। परेड के दौरान कैडेट्स का अनुशासन, कठोर प्रशिक्षण और अदम्य साहस साफ झलक रहा था। थल सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने नव-नियुक्त अधिकारियों को उनका प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर बधाई दी। उन्होंने युवा अधिकारियों के उच्च स्तर के अनुशासन और नेतृत्व क्षमता की जमकर सराहना की।
अपने संबोधन में थल सेना प्रमुख ने कहा कि सेना में कमीशन प्राप्त करना केवल प्रशिक्षण की समाप्ति नहीं है बल्कि यह राष्ट्र के प्रति आजीवन कर्तव्य और निस्वार्थ सेवा की शुरुआत है। उन्होंने सभी अधिकारियों से आह्वान किया कि वे भारतीय सेना की गौरवशाली परंपराओं का निर्वहन करें और पूरी निष्ठा व सम्मान के साथ देश की सेवा करें।
इस पासिंग आउट परेड में कुल 525 भारतीय अधिकारी कैडेट्स को कमीशन प्रदान किया गया। इनमें 157वें रेगुलर कोर्स, 46वें टेक्निकल एंट्री स्कीम, 140वें टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स और 55वें स्पेशल कमीशंड ऑफिसर्स कोर्स के साथ-साथ टेरिटोरियल आर्मी के कैडेट्स शामिल थे। भारतीय कैडेट्स के अलावा 14 मित्र राष्ट्रों के 34 विदेशी कैडेट्स भी यहां से प्रशिक्षण पूरा कर अपने-अपने देशों की सेना में शामिल हुए। यह न केवल भारत की रक्षा शक्ति को मजबूत करता है बल्कि मित्र देशों के साथ सैन्य सहयोग को भी बढ़ाता है।
समारोह का सबसे भावुक पल अंतिम पग था। जब युवा अधिकारी राष्ट्र की संप्रभुता और सम्मान की रक्षा का संकल्प लेकर अंतिम पग पार कर रहे थे तो वहां मौजूद अभिभावकों और परिजनों की आंखें गर्व से नम हो गईं। इस गरिमामय समारोह में कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और विशिष्ट अतिथि भी मौजूद थे।
परेड के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को पुरस्कृत भी किया गया। प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और मेरिट में प्रथम आने का स्वर्ण पदक एसीए निश्कल द्विवेदी को प्रदान किया गया। बीयूओ बादल यादव को रजत पदक और एसयूओ कमलजीत सिंह को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया। टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स में प्रथम स्थान के लिए ऑफिसर कैडेट जाधव सुजीत संपत और टेक्निकल एंट्री स्कीम में प्रथम स्थान के लिए डब्ल्यूसीसी अभिनव मेहरोत्रा को रजत पदक मिला। वहीं स्पेशल कमीशन ऑफिसर कोर्स का रजत पदक ऑफिसर कैडेट सुनील कुमार छेत्री ने हासिल किया। विदेशी कैडेट्स में बांग्लादेश के जेयूओ मोहम्मद सफ़ीन अशरफ ने मेरिट में पहला स्थान प्राप्त किया। ऑटम टर्म 2025 में समग्र रूप से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए इम्फाल कंपनी को थल सेना प्रमुख बैनर प्रदान किया गया। इस तरह 157वें कोर्स के साथ आईएमए ने एक बार फिर राष्ट्र को सर्वश्रेष्ठ योद्धा देने की अपनी परंपरा निभाई है।
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