Himachal: मुख्यमंत्री के पांच सलाहकारों पर खर्च हो रहे लाखों रुपये और विदेश दौरों का बिल भी भारी – The Hill News

Himachal: मुख्यमंत्री के पांच सलाहकारों पर खर्च हो रहे लाखों रुपये और विदेश दौरों का बिल भी भारी

धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त सलाहकारों पर सरकारी खजाने से हर महीने लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। वेतन से लेकर चिकित्सा सुविधाओं और हवाई दौरों तक, इन सलाहकारों की सुविधाओं पर सरकार दिल खोलकर पैसा बहा रही है। यह खुलासा विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायकों द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में जानकारी दी कि मुख्यमंत्री कार्यालय में पांच सलाहकार नियुक्त किए गए हैं, जिनके मानदेय और भत्तों पर भारी भरकम राशि व्यय हो रही है।

भाजपा विधायक सुधीर शर्मा और आशीष शर्मा ने सदन में सलाहकारों की भूमिका और उन पर हो रहे खर्च को लेकर सवाल किए थे। इसके जवाब में सरकार ने बताया कि मुख्यमंत्री अपने सलाहकारों से नीतिगत मामलों पर अक्सर मौखिक रूप से परामर्श लेते हैं। हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में इन चर्चाओं का कोई भी लिखित रिकॉर्ड या अभिलेख उपलब्ध नहीं है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि पर्यटन और हिमाचल प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड से जुड़ी फाइलें जरूर सलाहकार (इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट) के पास भेजी जाती हैं।

सरकार द्वारा सदन में रखे गए आंकड़ों के मुताबिक, राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा और प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान सबसे महंगे सलाहकारों में शामिल हैं। इन्हें हर महीने 2.50 लाख रुपये का मानदेय दिया जा रहा है। इसके अलावा सलाहकार (इंफ्रास्ट्रक्चर) अनिल कपिल को 2,31,130 रुपये और प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह को 1,50,000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिल रहा है। वहीं, प्रधान सलाहकार (आईटी) गोकुल बुटेल केवल एक रुपये प्रतिमाह के टोकन वेतन पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

वेतन के अलावा इन सलाहकारों के दौरों और चिकित्सा बिलों का खर्च भी लाखों में है। आंकड़ों के अनुसार, सुनील शर्मा ने प्रदेश और प्रदेश के बाहर कई दौरे किए, जिस पर सरकार ने 8.22 लाख रुपये खर्च किए। साथ ही उन्होंने तीन साल में 1.3 लाख रुपये का चिकित्सा बिल भी क्लेम किया। भले ही गोकुल बुटेल वेतन के नाम पर एक रुपया ले रहे हों, लेकिन उनके बार्सिलोना और स्पेन दौरे पर सरकार ने 8.92 लाख रुपये खर्च किए हैं। हालांकि उन्हें कोई चिकित्सा या यात्रा भत्ता नहीं मिलता।

इसी तरह नरेश चौहान के दौरों पर 92 हजार रुपये खर्च हुए और उन्होंने 20 हजार रुपये चिकित्सा बिल के रूप में लिए। अनिल कपिल ने दिल्ली और चंडीगढ़ सहित प्रदेश के कई हिस्सों का दौरा किया, लेकिन उनके दौरे का खर्च नहीं दिया गया है, जबकि उन्होंने करीब 29 हजार रुपये चिकित्सा बिल लिया। वहीं, राम सुभग सिंह के दौरों पर सरकार ने 4.95 लाख रुपये वहन किए और उन्होंने करीब साढ़े तीन हजार रुपये की चिकित्सा सुविधा ली। विपक्ष ने इन भारी-भरकम खर्चों को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।

 

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