देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राज्य के सभी सरकारी विभागों को कड़ा संदेश देते हुए समय पर सुधार और रिफॉर्म्स लागू करने के सख्त निर्देश दिए हैं। बुधवार को सचिवालय में आयोजित एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव के तेवर काफी सख्त नजर आए। उन्होंने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि जिन विभागों के अध्यक्ष निर्धारित समय सीमा के भीतर जरूरी सुधारों को लागू करने में विफल रहेंगे, उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और उनकी सर्विस बुक में प्रतिकूल प्रविष्टि यानी नेगेटिव एंट्री दर्ज की जाएगी। यह बैठक पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना (एसएएससीआई) और विभिन्न सुधारों को लागू करने में विभागों की प्रगति की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो भी रिफॉर्म्स तय समय के भीतर लागू किए जा सकते हैं, उन्हें हर हाल में पूरा किया जाए। इसमें किसी भी तरह की कोताही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि विभागों को केंद्र सरकार से मिलने वाली विशेष सहायता योजना और अनुदान का सौ प्रतिशत लाभ उठाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने सभी विभागों को अपने संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखने और सक्रिय रहने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि विभाग, वित्त और नियोजन विभाग के साथ मिलकर समन्वय स्थापित करें ताकि राज्य को अधिकतम वित्तीय लाभ मिल सके।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग की सुस्ती पर भी नजर डाली और उन्हें पंद्रह साल पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक इनफोर्समेंट से जुड़े सुधारों को जल्द से जल्द लागू करने को कहा। राजस्व विभाग को भी भूमि सुधारों से जुड़े रिफॉर्म्स को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का लक्ष्य दिया गया। वित्तीय मामलों में भी मुख्य सचिव ने सख्ती दिखाते हुए आदेश दिया कि जिन विभागों को अभी तक राज्य का शेयर (स्टेट शेयर) जारी नहीं किया गया है, उसे अगले दो दिनों के भीतर हर हाल में रिलीज कर दिया जाए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि वे अपने स्तर पर लगातार समीक्षा बैठकें करें और भारत सरकार की विशेष सहायता योजनाओं का फायदा उठाने के लिए ज्यादा से ज्यादा नए प्रोजेक्ट्स तैयार करें। उन्होंने कहा कि केंद्र से मिलने वाली मदद राज्य के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसे किसी भी हाल में गंवाना नहीं चाहिए।
इस महत्वपूर्ण बैठक में शासन के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इनमें प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव दीपक कुमार, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय और डॉ. वी. षणमुगम समेत कई अन्य विभागीय अधिकारी शामिल थे। मुख्य सचिव के इस कड़े रुख से साफ है कि सरकार अब कामकाज में किसी भी तरह की लेटलतीफी को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है और वह चाहती है कि योजनाओं का लाभ समय पर जनता तक पहुंचे।
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