Himachal: हिमाचल विधानसभा में आठ विधेयकों को मंजूरी मेयर का कार्यकाल अब पांच साल होगा – The Hill News

Himachal: हिमाचल विधानसभा में आठ विधेयकों को मंजूरी मेयर का कार्यकाल अब पांच साल होगा

धर्मशाला।  हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधायी कार्यों में तेजी देखने को मिली है। राष्ट्रपति और राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद कुल आठ महत्वपूर्ण विधेयकों को अब विधानसभा के पटल पर रख दिया गया है। इन विधेयकों के कानून का रूप लेने के साथ ही प्रदेश की प्रशासनिक और विधायी व्यवस्था में कई अहम बदलाव लागू हो गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की अनुमति के बाद विधानसभा सचिव ने इन विधेयकों को सदन के सामने रखा। इनमें हिमाचल प्रदेश माल और सेवा कर संशोधन, विधायकों और मंत्रियों के वेतन-भत्ते संशोधन और नगर निगम संशोधन जैसे प्रमुख विधेयक शामिल हैं।

सत्र की सबसे बड़ी और चर्चा वाली खबर नगर निगमों के महापौर और उप महापौर के कार्यकाल को लेकर है। अब प्रदेश में महापौर और उप महापौर का कार्यकाल ढाई साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सदन में हिमाचल प्रदेश नगर निगम संशोधन अध्यादेश 2025 पेश किया। वैसे यह अध्यादेश शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह को रखना था लेकिन उनकी अनुपस्थिति में रोहित ठाकुर ने यह जिम्मेदारी निभाई। सरकार का तर्क है कि ढाई साल का समय विकास कार्यों को गति देने और निगम का प्रभावी प्रतिनिधित्व करने के लिए कम पड़ता था इसलिए अब कार्यकाल को पांच साल किया जा रहा है। इसे जल्द ही विधेयक के रूप में पारित कर दिया जाएगा।

विधानसभा में प्रश्नकाल और लिखित जवाबों के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। वन विभाग में कार्यरत फायर वॉचरों को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन्हें नियमित करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। उन्होंने बताया कि विभाग में 1139 फायर वॉचर और 88 दैनिक भोगी कार्यरत हैं जिन्हें 425 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी मिलती है। चूंकि फायर वॉचरों की तैनाती फायर सीजन के दौरान अस्थायी तौर पर होती है इसलिए नियमितीकरण का प्रस्ताव नहीं है। वहीं बिजली मीटरों को लेकर मुख्यमंत्री ने बताया कि जुलाई 2026 तक प्रदेश में करीब 29.18 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है और अब तक छह लाख से ज्यादा मीटर बदले जा चुके हैं।

शिक्षा और रोजगार से जुड़े मुद्दों पर भी सदन में चर्चा हुई। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलने के सवाल पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्वीकार किया कि प्रशासनिक कारणों से अप्रैल, जुलाई, सितंबर और अक्तूबर महीने में वेतन अदायगी में देरी हुई है। उधर पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पर्यटन विभाग को सौंपने के मामले में कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने बताया कि मामला अभी कानूनी पचड़े में है। हाई कोर्ट के स्थगन आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

आपदा प्रबंधन और इंफ्रास्ट्रक्चर के नुकसान पर भी मंत्रियों ने रिपोर्ट पेश की। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जानकारी दी कि प्राकृतिक आपदा के कारण धर्मपुर बस अड्डे को छह करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। वहीं लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि मनाली-चंडीगढ़ फोरलेन पर आपदा प्रभावित हिस्सों की मरम्मत की डीपीआर तैयार कर ली गई है और जल्द ही वहां बिटुमेन बिछाने का काम शुरू होगा। इसके अलावा हिमकेयर योजना के तहत आपातकालीन स्थिति में अस्पताल प्रभारियों को सीमित संख्या में कार्ड बनाने का अधिकार भी दिया गया है।

 

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