पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल लाने वाली एक खबर ने हाल ही में जोर पकड़ा था जिसमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की सुरक्षा और उनकी जान को खतरे की बात कही जा रही थी। हालांकि अब अदियाला जेल प्रशासन ने इन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए इमरान की सेहत को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स और जेल अधिकारियों के हवाले से यह साफ किया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उनकी मौत या जेल ट्रांसफर को लेकर फैलाई जा रही खबरें पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।
पाकिस्तानी न्यूज पोर्टल जियो ने रावलपिंडी जेल के अधिकारियों के हवाले से जानकारी दी है कि इमरान को अदियाला जेल से किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट करने की खबरों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। जेल प्रशासन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इमरान चिकित्सकीय रूप से पूरी तरह फिट हैं और उन्हें जेल के भीतर तमाम जरूरी मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
यह पूरा मामला तब गरमाया जब सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे दावे वायरल होने लगे जिनमें कहा गया कि इमरान की हत्या कर दी गई है। विशेष रूप से ‘अफगानिस्तान टाइम्स’ नामक एक हैंडल द्वारा साझा की गई रिपोर्ट ने इन अफवाहों को हवा दी। इस हैंडल ने दावा किया था कि विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के पूर्व पीएम की अदियाला जेल के भीतर हत्या कर दी गई है। कुछ पोस्ट में तो यहां तक आरोप लगाया गया कि इमरान को आसिम मुनीर और उनकी आईएसआई एडमिनिस्ट्रेशन ने मरवा दिया है। हालांकि इन गंभीर दावों की पुष्टि किसी भी आधिकारिक एजेंसी या विभाग द्वारा नहीं की गई थी, लेकिन इंटरनेट पर यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई।
इन अफवाहों के फैलने के बाद इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने गुरुवार की सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि इमरान की सेहत को लेकर अफगान, भारतीय मीडिया और विदेशी सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा जानबूझकर गलत जानकारी और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। पार्टी ने पाकिस्तान की मौजूदा सरकार और गृह मंत्रालय से मांग की है कि वे तुरंत सामने आएं और इन अफवाहों का आधिकारिक तौर पर खंडन करें। साथ ही पार्टी ने मांग की है कि इमरान की सुरक्षा और मौजूदा स्थिति के बारे में राज्य की ओर से एक औपचारिक और पारदर्शी बयान जारी किया जाए और इमरान व उनके परिवार के बीच तत्काल एक मुलाकात का प्रबंध किया जाए।
इमरान अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं और पिछले एक महीने से अधिक समय से सरकार ने उनसे किसी के भी मिलने पर पाबंदी लगा रखी है। स्थिति यह है कि खैबर-पख्तूनख्वा के चीफ मिनिस्टर सोहेल अफरीदी सात बार कोशिश करने के बावजूद उनसे नहीं मिल सके। इस बीच इमरान की बहनों ने भी जेल प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इमरान की बहनें नोरीन नियाजी, अलीमा और डॉ उजमा खान पिछले काफी समय से अपने भाई से मिलने की मांग को लेकर जेल के बाहर डटी थीं।
इमरान की बहन नोरीन नियाजी ने पंजाब पुलिस चीफ उस्मान अनवर को लिखे एक पत्र में पुलिस की बर्बरता का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि जब वे और उनके समर्थक शांतिपूर्ण तरीके से अदियाला जेल के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे, तो पुलिस ने सोची-समझी साजिश के तहत उन पर हमला किया। नोरीन ने आरोप लगाया कि बिना किसी चेतावनी के इलाके की स्ट्रीट लाइटें बंद कर दी गईं और अंधेरे का फायदा उठाकर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। नोरीन ने अपने पत्र में लिखा कि 71 साल की उम्र में उन्हें बालों से पकड़कर जमीन पर पटका गया और सड़क पर घसीटा गया, जिससे उन्हें चोटें आईं। उन्होंने दावा किया कि वहां मौजूद अन्य महिला समर्थकों को भी पुलिस ने थप्पड़ मारे और उनके साथ अभद्रता की। फिलहाल जेल प्रशासन ने इन सभी आरोपों के बीच इमरान की सुरक्षा की पुष्टि कर दी है।
Pls read:Pakistan: जेल में इमरान खान की हत्या के दावे से मचा हड़कंप पाकिस्तान सरकार ने बताया सच