योल (कांगड़ा): दुबई में हुए एयर शो के दौरान तेजस जेट क्रैश में वीरगति को प्राप्त हुए हिमाचल प्रदेश के निवासी विंग कमांडर नमांश स्याल के पैतृक घर में गहरा शोक छाया हुआ है। 35 वर्ष की अल्पायु में परिवार के इस होनहार बेटे के बलिदान से हर किसी की आँखें नम हैं। जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के पटियालकर गांव में अब बलिदानी नमांश की पार्थिव देह के पहुंचने का बेसब्री से इंतजार हो रहा है।
माता-पिता बेटे की पार्थिव देह के साथ पहुंचेंगे
बलिदानी नमांश के माता-पिता पिछले पांच महीनों से सैलूर में ही रह रहे हैं और अभी तक हिमाचल नहीं लौटे हैं। वे अपने जवान बेटे के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वे अपने बेटे की पार्थिव देह के साथ ही अपने घर पहुंचेंगे, जहां पूरा गांव उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उमड़ पड़ेगा।
पत्नी और बेटी भी जल्द पहुंचेंगी घर
नमांश स्याल की पत्नी अफशां और उनकी बेटी भी कल ही हिमाचल स्थित अपने निवास पर पहुंचेंगी। यह भी उल्लेखनीय है कि नमांश की पत्नी अफशां स्वयं भी भारतीय वायुसेना में पायलट के पद पर कार्यरत हैं। दोनों का विवाह वर्ष 2014 में हुआ था, और उनकी एक सात साल की बेटी है।
अंतिम संस्कार की तैयारियां
विंग कमांडर नमांश के ताया, जोगिंद्र नाथ ने बताया कि रविवार को सुबह करीब नौ बजे सैलूर से पार्थिव देह को लाया जाएगा। दोपहर लगभग दो बजे तक उनके कांगड़ा के गगल स्थित एयरपोर्ट पर पहुंचने की संभावना है। बलिदानी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव दुरुह खड्ड के श्मशानघाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा।
सैनिक स्कूल के होनहार छात्र रहे थे नमांश
नमांश स्याल ने मात्र 19 वर्ष की आयु में भारतीय वायुसेना में अपना स्थान बना लिया था। वे जिला हमीरपुर के सुजानपुर स्थित प्रतिष्ठित सैनिक स्कूल के 21वें बैच के होनहार कैडेट रहे हैं। उनकी परवरिश और शिक्षा-दीक्षा सैन्य अनुशासन और माहौल में हुई थी, जिसने उनके भीतर देश सेवा का जज्बा पैदा किया। उनके पिता जगन्नाथ भी भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त हुए थे और बाद में एक स्कूल में प्रधानाचार्य के रूप में अपनी सेवाएं दीं। नमांश स्याल की माता, वीना देवी, एक गृहणी हैं। सैनिक स्कूल सुजानपुर में भी उनकी याद में सुबह प्रार्थना सभा के स्थान पर शोक सभा का आयोजन किया गया।