शिमला। शिमला के संजौली में स्थित एक कथित अवैध मस्जिद के मामले को लेकर देवभूमि संघर्ष समिति और अन्य हिंदू संगठनों ने 21 नवंबर को संजौली में बड़े प्रदर्शन का ऐलान किया है। देवभूमि संघर्ष समिति का दावा है कि शुक्रवार को संजौली बाजार बंद रहेगा, और उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को स्कूल न भेजें।
इस संभावित प्रदर्शन को देखते हुए जिला और पुलिस प्रशासन ने संजौली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। संजौली में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा। गुरुवार शाम को ही पुलिस ने इलाके में बैरिकेड्स लगा दिए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
यदि प्रदर्शनकारियों की भीड़ अधिक होती है, तो यातायात को ढली से मैहली बाईपास रोड की तरफ मोड़ा जाएगा ताकि मुख्य सड़कों पर जाम की स्थिति न बने। मौके पर एसडीएम शहरी ओशीन शर्मा तैनात रहेंगी, जो सुबह नौ बजे से पुलिस के साथ मोर्चा संभालेंगी और स्थिति पर कड़ी नजर रखेंगी।
सुरक्षा के मद्देनजर, प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भीड़ जमा नहीं होने दी जाएगी। उत्तेजक पोस्ट और अफवाहों पर नजर रखने के लिए क्यूआरटी (क्विक रिएक्शन टीम) अलर्ट रहेगी। ट्रैफिक पुलिस बाजार और संकरी सड़कों पर यातायात व्यवस्था को संभालेगी। इस दौरान किसी को भी बिना वजह रुकने, भीड़ लगाने या भड़काऊ चर्चा करने की अनुमति नहीं दी गई है।
तीन दिनों से अनशन पर बैठे मदन ठाकुर
हिंदू संघर्ष समिति के नेता मदन ठाकुर पिछले तीन दिनों से अनशन पर बैठे हैं और उनकी हालत अब बिगड़ रही है। मदन ठाकुर ने दावा किया है कि वे कोर्ट के आदेश का पालन करवाने के लिए ही अनशन पर बैठे हैं, लेकिन नगर निगम शिमला, जिला प्रशासन और पुलिस का रवैया चिंताजनक है। समिति के नेता विजय शर्मा ने बताया कि उन्होंने सत्याग्रह के माध्यम से प्रशासन को मनाने की कोशिश की थी, लेकिन प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया।
इसलिए प्रदर्शन कर रहे हिंदू संगठन
यह पूरा विवाद पिछले शुक्रवार को शुरू हुआ, जब देवभूमि संघर्ष समिति ने कोर्ट द्वारा कथित रूप से अवैध करार दी गई संजौली मस्जिद में अन्य राज्यों के मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से रोका था। इस दौरान दोनों पक्षों में तीखी बहस भी हुई थी। संजौली पुलिस ने इस घटना के बाद चार महिलाओं समेत छह लोगों पर एफआईआर दर्ज की है, जिन पर समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। देवभूमि संघर्ष समिति अब मस्जिद का बिजली और पानी का कनेक्शन काटने और उनके लोगों पर दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग कर रही है। यह मामला अब एक बड़े गतिरोध का रूप ले चुका है, जिस पर प्रशासन और स्थानीय लोगों की नजर है।
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