नई दिल्ली। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच कोलकाता में खेला गया पहला टेस्ट मैच मेहमान टीम साउथ अफ्रीका के पक्ष में रहा, जिसने 30 रनों से जीत हासिल कर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली. इस हार के बाद कई लोगों का मानना है कि ईडन गार्डन्स की पिच की बनावट ने मेजबान टीम भारत की हार में अहम भूमिका निभाई. इस मामले पर बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने ईमानदारी से अपनी राय रखी है.
बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भारत में पिचों की तैयारी के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) साझा की. उन्होंने बताया कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के क्यूरेटर मैच शुरू होने से चार दिन पहले पिच की तैयारी शुरू कर देते हैं. इसके साथ ही, भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर को लेकर पूछे गए सवाल पर भी गांगुली ने साफ-साफ जवाब दिया.
‘मैं इसमें बिल्कुल भी शामिल नहीं’
इंडिया टुडे से बात करते हुए सौरव गांगुली ने पिच की तैयारी में अपनी भूमिका पर कहा, “नहीं, नहीं, मैं इसमें बिल्कुल भी शामिल नहीं होता. बीसीसीआई के क्यूरेटर टेस्ट मैच से चार दिन पहले आकर विकेटों की देखभाल करते हैं.” गांगुली ने आगे कहा, “हालांकि, यह पिच बहुत अच्छी नहीं थी, मुझे लगता है कि टीमें एक बेहतर क्रिकेटिंग पिच की हकदार हैं. ईडन गार्डन्स में उन तीन दिनों में पूरा स्टेडियम खचाखच भरा था और मुझे पूरा विश्वास है कि गौतम गंभीर और उनकी भारतीय टीम को ईडन गार्डन्स की तुलना में कहीं बेहतर विकेट पर खेलना चाहिए.” यह बयान स्पष्ट रूप से बीसीसीआई के क्यूरेटरों की भूमिका पर सवाल उठाता है और पिच की गुणवत्ता को लेकर असंतोष व्यक्त करता है.
गौतम गंभीर को बर्खास्त करने की मांग
कोलकाता टेस्ट में भारत की हार ने भारतीय कोच गौतम गंभीर को घरेलू टेस्ट रिकॉर्ड के लिहाज से मुश्किल में डाल दिया है. इस हार के बाद कुछ हलकों में उन्हें भारतीय कोच के पद से हटाने की मांग भी उठने लगी है. हालांकि, गांगुली को अभी भारतीय कोच को बर्खास्त करने की जरूरत नहीं लगती. उन्होंने कोच को हटाने के सवाल पर अपनी राय दी.
गांगुली ने कहा, “इस समय गौतम गंभीर को बर्खास्त करने का कोई सवाल ही नहीं है. गौतम ने कोच के रूप में और शुभमन (गिल) ने कप्तान के रूप में इंग्लैंड में अच्छी बल्लेबाजी पिचों पर असाधारण प्रदर्शन किया और मेरा दृढ़ विश्वास है कि वे भारत में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.” गांगुली का यह बयान गंभीर और कप्तान शुभमन गिल के प्रति उनके विश्वास को दर्शाता है, और वह मानते हैं कि यह हार केवल खराब पिच का परिणाम थी, न कि टीम के प्रदर्शन या कोचिंग रणनीति में कमी का.
यह पूरा मामला भारतीय क्रिकेट में पिचों की तैयारी और उनकी गुणवत्ता पर एक नई बहस छेड़ सकता है, खासकर जब घरेलू मैदान पर अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जा रहे हों. गांगुली के बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि सीएबी अध्यक्ष होने के बावजूद, पिच की अंतिम तैयारी बीसीसीआई के क्यूरेटरों के हाथ में होती है, जिससे स्थानीय संघ की भूमिका सीमित हो जाती है. अब देखना यह होगा कि इस विवाद के बाद भविष्य में भारतीय पिचों की तैयारी में क्या बदलाव आते हैं.
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