नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन से संबंधित फाइलों के मामले में लगातार दबाव का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिकी संसद के दोनों सदनों, प्रतिनिधि सभा और सीनेट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किया है. इस विधेयक के माध्यम से न्याय विभाग पर दोषी यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन से संबंधित उसकी फाइलों को सार्वजनिक करने का दबाव बनाया गया है. संसद से विधेयक पारित होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति ट्रंप के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है.
यह विधेयक ऐसे प्रयास को मंजूरी देने के समान था, जिसके लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन नेतृत्व के विरोध से पार पाने के लिए कई महीनों तक संघर्ष करना पड़ा था. संसद के एक छोटे, द्विदलीय समूह को जुलाई में प्रतिनिधि सभा में इस विधेयक को पेश करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. उस समय, ट्रंप ने इसे “धोखा” करार देते हुए अपने समर्थकों से इसे खारिज करने का आह्वान किया था.
लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप और प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन दोनों ही मत विभाजन को रोकने के अपने प्रयासों में विफल रहे. अब, इस विधेयक को लेकर बढ़ती लामबंदी के बीच, राष्ट्रपति ने इस पर अपना रुख नरम कर लिया है और यहां तक कहा है कि वह इस पर हस्ताक्षर करेंगे. निचले सदन द्वारा विधेयक पारित करने के कुछ ही घंटों बाद, सीनेट ने भी आम-सहमति से विधेयक को पारित करने की मंशा जाहिर कर दी, जिससे इसके कानून बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया.
मंगलवार को कांग्रेस में हुए इस निर्णायक, द्विदलीय मत विभाजन ने सांसदों और ट्रंप प्रशासन पर लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करने के लिए बढ़ते दबाव को और स्पष्ट कर दिया है. ये मांगें न्याय विभाग से एपस्टीन से संबंधित अपनी केस फाइलें जारी करने की थीं. जेफरी एपस्टीन एक प्रभावशाली फाइनेंसर था, जिसने 2019 में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और तस्करी के आरोपों में मुकदमे का इंतजार करने के दौरान मैनहट्टन जेल में आत्महत्या कर ली थी. उसकी मौत के बाद से ही इस मामले से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग उठ रही थी, ताकि मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सके.
इस विधेयक के पारित होने से उन सभी व्यक्तियों और संगठनों को बल मिला है जो इस मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रहे थे. एपस्टीन का मामला वर्षों से एक रहस्य और साजिश के सिद्धांतों से घिरा हुआ है, और इन फाइलों के सार्वजनिक होने से उम्मीद है कि कई अनुत्तरित सवालों के जवाब मिल सकेंगे. यह कदम न्याय विभाग पर भी दबाव डालेगा कि वह इस संवेदनशील मामले में अपनी भूमिका और जांच के विवरण को सार्वजनिक करे.
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा इस विधेयक पर हस्ताक्षर करने का निर्णय उनके पहले के रुख से एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है. यह दर्शाता है कि जनता और संसद के दबाव के सामने उन्हें झुकना पड़ा है. एपस्टीन फाइलों के सार्वजनिक होने से कई हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के नाम सामने आने की संभावना है, जो इस मामले में शामिल हो सकते हैं. यह घटनाक्रम अमेरिकी राजनीति और न्याय प्रणाली में एक बड़ा खुलासा हो सकता है, और इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
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