चंडीगढ़/गांधीनगर: आधुनिक युग में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के बढ़ते महत्व को पहचानते हुए, हिमाचल प्रदेश सरकार ने कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के साथ इन उन्नत क्षेत्रों को एकीकृत करके युवाओं के लिए अवसरों के नए रास्ते खोले हैं.
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर, तकनीकी शिक्षा विभाग ने राज्य भर के चुनिंदा सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग और IoT में एक संयुक्त पाठ्यक्रम, डिप्लोमा शुरू किया है.
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों में से एक, सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज, हमीरपुर (बधूही) ने यह डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू किया है. सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज रोहड़ू में पाठ्यक्रम शुरू करने के बाद, यह संयुक्त डिप्लोमा पाठ्यक्रम पिछले शैक्षणिक सत्र से हमीरपुर में 51 सीटों के साथ शुरू किया गया है. यह एकीकृत पाठ्यक्रम उन युवा शिक्षार्थियों के लिए जबरदस्त क्षमता प्रदान करता है जो नईLयुग की तकनीकों में करियर बनाना चाहते हैं.
कॉलेज के छात्रों, जिनमें अर्था, सृष्टि चौहान और आर्यन चोपड़ा शामिल हैं, ने नए पाठ्यक्रम की सराहना की. उन्होंने कहा कि हमीरपुर में कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग और IoT में डिप्लोमा शुरू होने से क्षेत्र के युवाओं के लिएTअत्यधिक सुविधा हुई है, जिससे वे घर के करीब एक आधुनिक और मांग वाले पाठ्यक्रम को आगे बढ़ा सकते हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि IoT और AI तेजी से उभरते हुए क्षेत्र हैं जो नवाचार और रोजगार के विशाल अवसर प्रदान करते हैं.
यह छात्रों को कोर कंप्यूटर विज्ञान अवधारणाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करने में ही सक्षम नहीं करेगा बल्कि उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और IoT जैसे उभरते डोमेन में भी एक्सपोजर देगा, जिससे उनके करियर की संभावनाओं का विस्तार होगा और उन्हें भविष्य के प्रौद्योगिकी परिदृश्य के लिए तैयार किया जाएगा.
सरकार नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो करोड़ रुपये का एक समर्पित नवाचार कोष स्थापित कर रही है, इसके अलावा युवाAनवाचारकों को उनके विचारों को वास्तविकता में बदलने में सहायता कर रही है.
युवाओं को भविष्य के अवसरों के लिए और तैयार करने के लिए राज्य सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिवाइस साइंस में अत्याधुनिक पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, प्रवक्ता ने बताया. नगरोटा बगवां में राजीव गांधी सरकारी कॉलेज अब AI और डेटा साइंस में डिग्री पाठ्यक्रम प्रदान करेगा.
इसी तरह, अन्य संस्थानों के लिए भी नए तकनीकी पाठ्यक्रम अनुमोदित किए गए हैं, जैसे अटल बिहारी वाजपेयी इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रगतिनगर, शिमला में सिविल इंजीनियरिंग डिग्री और सरकारी पॉलिटेक्निक सुंदरनगर, मंडी में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग (AI और मशीन लर्निंग) में डिप्लोमा. इन पाठ्यक्रमों के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक शिक्षण स्टाफ जल्द ही प्रदान किया जाएगा.
हर क्षेत्र में इन प्रौद्योगिकियों के बढ़ते महत्व को देखते हुए, कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग और IoT में डिप्लोमा निस्संदेह एक दूरंदेशी और परिवर्तनकारी पाठ्यक्रम है जो छात्रों को डिजिटल युग में एक उज्ज्वल औरSआशाजनक भविष्य बनाने के लिए सशक्त करेगा.
वर्तमान सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधार सुव्यवस्थित और भविष्योन्मुखी हैं. ध्यान परंपरा-आधारित प्रशिक्षण से प्रौद्योगिकी-एकीकृत सीखने, संस्थागत क्षमता को मजबूत करने, पाठ्यक्रम को आधुनिक बनाने, उद्योग के साथ संबंध बनाने और उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ प्रशिक्षण को संरेखित करने पर स्थानांतरित हो गया है.
ये हस्तक्षेप अब ‘व्यवस्था परिवर्तन’ का एक हिस्सा हैं जो रोजगार क्षमता, उद्यमिता और वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा करने के लिए युवाओं की तैयारी मेंLमापने योग्य सुधारों में परिवर्तित हो रहे हैं.
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