नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने विशेष सारांश पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण का एलान कर दिया है। बिहार के बाद अब 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इनमें अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुड्डचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने एसआईआर में मतदाता द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों की सूची भी जारी की है। यदि आपके पास ये दस्तावेज हैं, तो इन्हें आपको अपने बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को दिखाना होगा। जो लोग ये दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे, एसआईआर के बाद बनने वाली मतदाता सूची में उनका नाम आने में दिक्कत हो सकती है।
कौन-कौन से दस्तावेज हैं जरूरी?
मतदाता सूची में अपना नाम सुनिश्चित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इनमें केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी पेंशन पेमेंट ऑर्डर, सरकारी या स्थानीय निकाय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी द्वारा जारी सर्टिफिकेट, बर्थ सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, एजुकेशनल सर्टिफिकेट, परमानेंट रेजिडेंस सर्टिफिकेट, फॉरेस्ट राइट सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र, एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स), राज्य या लोकल बॉडी द्वारा तैयार फैमिली रजिस्टर, और जमीन या हाउस अलॉटमेंट सर्टिफिकेट शामिल हैं। इन दस्तावेजों की मदद से मतदाता की पहचान और निवास स्थान की पुष्टि की जाएगी।
एसआईआर का क्या है शेड्यूल?
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि एसआईआर के दूसरे फेज की प्रक्रिया कल से शुरू होगी। इस पूरी प्रक्रिया को कई चरणों में बांटा गया है ताकि इसे व्यवस्थित तरीके से पूरा किया जा सके।
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प्रिटिंग और ट्रेनिंग का काम: 28 अक्टूबर 2025 से 3 नवंबर 2025 तक चलेगा। इस दौरान बीएलओ और अन्य संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाना: 4 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा। इस अवधि में बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करेंगे और नई जानकारी एकत्र करेंगे।
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मतदाता सूची का ड्राफ्ट पेश करना: 9 दिसंबर 2025 को किया जाएगा। यह एक प्रारंभिक सूची होगी जिस पर दावे और आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी।
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दावे और आपत्तियां दर्ज करने का समय: 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक रखा गया है। इस दौरान कोई भी नागरिक ड्राफ्ट सूची में सुधार या त्रुटियों के संबंध में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
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सुनवाई और वेरिफिकेशन फेज: 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक चलेगा। इस चरण में प्राप्त सभी दावों और आपत्तियों की सुनवाई और सत्यापन किया जाएगा।
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फाइनल मतदाता सूची का प्रकाशन: सारी प्रक्रियाओं के बाद 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
इस विस्तृत शेड्यूल के साथ, चुनाव आयोग का लक्ष्य एक अद्यतन और त्रुटि रहित मतदाता सूची तैयार करना है, जिससे आगामी चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने दस्तावेजों को तैयार रखें और इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें।