देहरादून। उत्तराखंड के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की अध्यक्षता में आज मिशन एप्पल एवं सेब की अति सघन बागवानी योजना के अंतर्गत कृषकों की लंबित राज सहायता (सब्सिडी) के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
बैठक के उपरांत कृषि मंत्री जोशी ने बताया कि मिशन एप्पल एवं अति सघन सेब बागवानी योजना के तहत स्थापित बागानों की लगभग 57.30 करोड़ रुपये की राज सहायता का भुगतान लंबित है। उन्होंने जानकारी दी कि इसके भुगतान हेतु वित्तीय वर्ष 2025-26 में 35.00 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है और शेष धनराशि अनुपूरक बजट या राज्य आकस्मिकता निधि के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। यह कदम उन हजारों सेब उत्पादक किसानों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है जो लंबे समय से अपनी सब्सिडी का इंतजार कर रहे थे।
इस विषय पर हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भी एक बैठक संपन्न हुई थी, जिसमें प्रमुख सचिव न्याय, सचिव वित्त, तथा सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण ने भाग लिया था। उस बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि कृषकों की लंबित राज सहायता के भुगतान हेतु तत्काल भौतिक सत्यापन की कार्यवाही प्रारम्भ की जाए, जिससे किसानों को शीघ्र भुगतान सुनिश्चित हो सके। इस निर्णय के अनुपालन में सभी जिला उद्यान अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
मुख्य उद्यान अधिकारी उत्तरकाशी एवं मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून ने अवगत कराया कि नौगांव (उत्तरकाशी) तथा चकराता (देहरादून) में कृषकों के बागानों का भौतिक सत्यापन कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। यह दर्शाता है कि सरकार इस मामले में गंभीरता से काम कर रही है और किसानों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि कृषक हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। उन्होंने सभी विभागीय एवं जिला उद्यान अधिकारियों को निर्देश दिए कि व्यक्तिगत रुचि लेकर भौतिक सत्यापन और अन्य औपचारिकताओं की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करें, ताकि कृषकों की लंबित राज सहायता का भुगतान बिना विलम्ब किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को इस प्रक्रिया में तेजी लाने और किसी भी प्रकार की देरी से बचने का निर्देश दिया।
बैठक में कृषि सचिव डॉक्टर एस एन पांडे, संयुक्त निदेशक कृषि दिनेश कुमार, प्रभारी अपर निदेशक उद्यान रतन कुमार तथा बागवानी मिशन के निदेशक महेन्द्र पाल उपस्थित रहे।
यह पहल उत्तराखंड के सेब उत्पादक किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, जो राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। सब्सिडी का समय पर भुगतान किसानों को अपनी खेती को जारी रखने, उन्नत तकनीकों को अपनाने और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा। सरकार का यह कदम किसानों का मनोबल बढ़ाएगा और राज्य में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने में भी सहायक होगा।
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