देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर तीन और चार नवंबर को होने वाला उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र खास होगा। विधानसभा सचिवालय ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है और इसे लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। यह सत्र राज्य के विकास और भविष्य के रोडमैप को लेकर एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।
सत्र में विकास पर चर्चा और भविष्य का मंथन
इस विशेष सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को राज्य के विकास को लेकर अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। विधानसभा की सजावट भी रजत जयंती के हिसाब से की जा रही है, जो इस ऐतिहासिक अवसर की गरिमा को बढ़ाएगी। सत्र का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के विकास पर व्यापक चर्चा करना और भविष्य के रोडमैप को लेकर गहन मंथन करना है।
विधायकों के सुझावों का होगा स्वागत
सभी विधायकों के सुझाव लिए जाएंगे, ताकि उत्तराखंड आने वाले समय में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सके और एक आदर्श एवं श्रेष्ठ राज्य बने। इसको लेकर विधानसभा विशेष सत्र के दौरान सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्षी विधायकों के सुझाव भी सुने जाएंगे। यह माना जा रहा है कि इस सत्र से जो मंथन निकलकर आएगा, उससे उत्तराखंड के विकास की भविष्य की योजनाएं बनेंगी, जो राज्य को नई दिशा प्रदान करेंगी।
राष्ट्रपति के संभावित संबोधन की तैयारी
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बताया कि विशेष सत्र की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सत्र में सभी सदस्यों को उत्तराखंड की उपलब्धियों और विकास की योजनाओं को लेकर बोलने का मौका दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अभी राष्ट्रपति के आगमन की तिथियां तो अंतिम नहीं हुईं, लेकिन संभावित तौर पर उनका विशेष संबोधन होगा। इसके लिए भी विधानसभा के स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं, जिससे यह सत्र और भी गरिमामय बन सके।
यह विशेष सत्र उत्तराखंड के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा, जहां राज्य के पिछले 25 वर्षों की यात्रा का मूल्यांकन किया जाएगा और अगले 25 वर्षों के लिए एक ठोस रणनीति तैयार की जाएगी।