N Korea: उत्तर कोरिया में वर्कर्स पार्टी की 80वीं वर्षगांठ का भव्य समारोह

नई दिल्ली, [समय] – उत्तर कोरिया में किम जोंग उन की सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी के गठन के 80 साल पूरे होने का जश्न बीते दिन धूमधाम से मनाया गया. इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तर कोरिया ने एक भव्य समारोह का आयोजन किया, जिसमें सेना की शानदार परेड देखने को मिली और कई देशों से आए विदेशी मेहमानों का भी गर्मजोशी से स्वागत किया गया.

कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) के अनुसार, “वर्कर्स पार्टी के 80 साल पूरे होने के मौके पर 10 अक्टूबर को किम द्वितीय संग स्क्वायर में सेना की भव्य परेड आयोजित की गई.” इस परेड के दौरान उत्तर कोरिया ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए कई खतरनाक हथियारों का प्रदर्शन किया, जिनमें इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) भी शामिल थी. यह प्रदर्शन उत्तर कोरिया की बढ़ती सैन्य क्षमताओं और संभावित खतरों को उजागर करता है.

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में चीन, रूस और वियतनाम सहित कई देशों के उच्च पदस्थ नेताओं ने शिरकत की. चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ उत्तर कोरिया पहुंचे थे, जो दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाता है. वहीं, रूस ने अपने सुरक्षा सलाहकार दिमित्री मेदवेदेव को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उत्तर कोरिया भेजा था. दिमित्री मेदवेदेव को राष्ट्रपति पुतिन के करीबी सहयोगियों में गिना जाता है, जो रूस और उत्तर कोरिया के बीच घनिष्ठ रणनीतिक साझेदारी का संकेत देता है.

किम जोंग उन ने पिछले साल चीन का दौरा करते हुए राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. 2019 में शी जिनपिंग खुद उत्तर कोरिया गए थे. अब, 6 साल बाद चीनी पीएम ने उत्तर कोरिया का रुख किया है, जो दोनों पड़ोसी देशों के बीच उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान और मजबूत कूटनीतिक संबंधों को दर्शाता है.

रूस के साथ भी उत्तर कोरिया के संबंध काफी अच्छे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए उत्तर कोरिया ने बड़ी संख्या में सैनिकों को रूसी सेना में भेजा था, जो दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग का एक उल्लेखनीय उदाहरण है. पिछले हफ्ते रूस और उत्तर कोरिया ने एक साझा बयान भी जारी किया था, जिसमें रूस ने उत्तर कोरिया को पूरा समर्थन देने का एलान किया था. यह बयान वैश्विक भू-राजनीति में इन दोनों देशों के बढ़ते गठबंधन को रेखांकित करता है.

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी अपने पहले कार्यकाल में किम जोंग उन से 3 बार मिले थे. ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भी किम से मुलाकात के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि, व्हाइट हाउस की तरफ से इस पर कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है. किम जोंग उन के साथ ट्रंप की पिछली मुलाकातों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी ध्यान आकर्षित किया था, और भविष्य में ऐसी किसी भी बैठक की संभावना वैश्विक कूटनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है.

 

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