Uttarakhand: ऋषिकेश में फैशन शो ऑडिशन का हिंदू रक्षा संगठन ने किया विरोध, संस्कृति के विपरीत बताया – The Hill News

Uttarakhand: ऋषिकेश में फैशन शो ऑडिशन का हिंदू रक्षा संगठन ने किया विरोध, संस्कृति के विपरीत बताया

देहरादून रोड स्थित एक होटल में दिवाली मेले की तैयारी के लिए चल रहे फैशन शो के ऑडिशन का हिंदू रक्षा संगठन के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया. होटल में युवतियां वेस्टर्न परिधानों में रैंप वॉक कर रही थीं और कई मॉडल्स मंच पर अपने हुनर का प्रदर्शन कर रही थीं. इसी दौरान हिंदू रक्षा संगठन के कुछ कार्यकर्ता होटल में पहुंच गए और ऑडिशन का विरोध करने लगे.

संस्कृति और परंपराओं के विपरीत बताया आयोजन

हिंदू रक्षा संगठन के कार्यकर्ताओं ने इस आयोजन को भारतीय संस्कृति और परंपराओं के विपरीत बताते हुए कार्यक्रम को तत्काल रोकने की मांग की. ऑडिशन रोकने के लिए आयोजन समिति और हिंदू रक्षा संगठन के सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई, जिससे कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी मच गई. स्थिति बिगड़ती देख आयोजकों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी.

पुलिस ने शांत कराया विवाद

कोतवाली पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाकर विवाद शांत कराया. हिंदू रक्षा संगठन के अध्यक्ष राघवेंद्र ने अपने विरोध का कारण बताते हुए कहा कि यह एक तीर्थनगरी है और यहां छोटे-छोटे कपड़ों में युवतियों का रैंप वॉक करवाना हमारी संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ऋषिकेश जैसे पवित्र स्थान पर ऐसे आयोजनों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

आयोजकों ने विरोध को बताया आधारहीन

वहीं, क्लब अध्यक्ष पंकज चंदानी ने हिंदू रक्षा संगठन के विरोध को आधारहीन बताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक फैशन शो का ऑडिशन था और इसका उद्देश्य दिवाली मेले के लिए प्रतिभाओं का चयन करना था. आयोजकों का मानना था कि यह एक सामान्य सांस्कृतिक कार्यक्रम है जिसमें किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक गतिविधि नहीं हो रही थी.

मिस ऋषिकेश प्रतियोगिता के ऑडिशन पर भी हुआ था हंगामा

यह पहली बार नहीं है जब ऋषिकेश में ऐसे किसी आयोजन का विरोध हुआ है. इससे पहले भी मिस ऋषिकेश प्रतियोगिता के ऑडिशन को लेकर हंगामा हो चुका है. उस समय भी युवतियां ऑडिशन के लिए होटल में पहुंची थीं, तभी हिंदू शक्ति संगठन के अध्यक्ष राजू भटनागर ने ऑडिशन रोकने को कहा और सभी युवतियों को घर जाने की हिदायत दी थी. तब भी आयोजक और युवतियों का कहना था कि जब उनके अभिभावकों को कोई दिक्कत नहीं है, तो बाहरी लोगों को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है.

इन घटनाओं से यह बात सामने आती है कि तीर्थनगरी ऋषिकेश में ऐसे आयोजनों को लेकर सामाजिक और धार्मिक संगठनों में एक निश्चित विचारधारा का विरोध मौजूद है. वे आधुनिक फैशन और पश्चिमी संस्कृति के प्रदर्शन को स्थानीय परंपराओं और धार्मिक मूल्यों के विपरीत मानते हैं. वहीं, आयोजक इसे कलात्मक अभिव्यक्ति और युवाओं को मंच प्रदान करने का एक माध्यम मानते हैं, जिस पर अक्सर विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है. पुलिस को अक्सर ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ता है ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे और दोनों पक्षों के बीच शांति स्थापित हो सके

 

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