Himachal: स्वास्थ्य मंत्री के बेटे ने अपनी ही सरकार और अधिकारियों पर उठाए सवाल, सियासत गरमाई

सोलन: हिमाचल प्रदेश में एक और मंत्री के बेटे ने अपनी ही सरकार और विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इससे पहले कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बेटे एवं पूर्व विधायक नीरज भारती सरकार व अधिकारियों पर सवाल उठाते रहे हैं.

अब स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल की प्रस्तावित विदेश यात्रा को लेकर उपजे विवाद ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है. मामला उस समय और तूल पकड़ गया जब स्वयं मंत्री के बेटे कर्नल संजय शांडिल ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी ही सरकार और विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए.

स्वास्थ्य विभाग के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के लंदन और फ्रांस के दौरे पर जाने की योजना थी. आधिकारिक सूची में मंत्री के बेटे का नाम शामिल होने और उसे सरकारी खर्च से जोड़कर प्रस्तुत किए जाने के बाद विपक्ष ने इस यात्रा को सरकारी धन का दुरुपयोग करार दिया. भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि जब प्रदेश आर्थिक संकट और आपदा की मार से जूझ रहा है, उस वक्त सत्ता पक्ष परिवार को विदेश ले जाने की तैयारी कर रहा है.

वहीं, अधिकारियों ने जो सूची जारी की थी, उसमें मंत्री के बेटे को उनका सहयोगी लिखने के बजाय ‘एकांप्लिस’ शब्द का इस्तेमाल किया गया, जिसका अर्थ सह-अपराधी होता है.

बेटे की बयानबाज़ी बनी सियासी मुद्दा
विवाद तब और गहरा गया जब मंत्री के बेटे कर्नल संजय शांडिल ने फेसबुक पर खुलकर नाराज़गी जताई. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निशाने पर लेते हुए कहा कि लापरवाही और गलतियों के कारण सरकार और नेताओं की छवि धूमिल हो रही है. संजय शांडिल ने यहां तक लिख दिया कि ऐसे भ्रष्ट और निष्क्रिय अधिकारियों को तुरंत बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए. उनकी इस टिप्पणी ने विपक्ष को बड़ा राजनीतिक हथियार थमा दिया है.

मंत्री की सफाई और राजनीति की तपिश
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने सफाई दी कि उनके बेटे-बहू निजी खर्च पर दौरे में शामिल होने वाले थे, न कि सरकारी खर्च पर. उन्होंने कहा कि हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत बनाने के लिए विदेशी तकनीक का अध्ययन करना जरूरी है. लेकिन विपक्ष के दबाव और इंटरनेट मीडिया विवाद को देखते हुए उन्होंने फिलहाल यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया है.

हालांकि, उनके बेटे की पोस्ट के बाद अब यह मामला केवल विदेश दौरे तक सीमित नहीं रहा. कांग्रेस सरकार के भीतर प्रशासनिक जिम्मेदारी और अधिकारियों की जवाबदेही को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं. भाजपा जिला अध्यक्ष सोलन रतन पाल ने कहा, “जब मंत्री का बेटा ही विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है, तो यह सरकार की अक्षमता और भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है.”

 

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