
देहरादून। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में राजनैतिक दलों के पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक के दौरान राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद-324 के साथ पठित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा-21 एवं अन्य सुसंगत नियमों के अंतर्गत भारत निर्वाचन आयोग को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) संपादित करवाने का अधिकार निहित है।
मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण और श्रेणियों में विभाजन
बैठक में जनवरी 2026 की अर्हता तिथि के आधार पर विशेष गहन पुनरीक्षण के अंतर्गत टेबल टॉप एक्सरसाइज के रूप में 2025 की मतदाता सूची से 2003 के मतदाताओं का मिलान करने पर चर्चा हुई। 2025 के मतदाताओं को निम्न प्रकार चार श्रेणियों में चिन्हित किया जाएगा:
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श्रेणी-ए: 2025 की मतदाता सूची में जिन मतदाताओं की आयु 38 वर्ष या उससे अधिक है तथा उनका नाम 2003 की मतदाता सूची में भी पंजीकृत है।
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श्रेणी-बी: 2025 की मतदाता सूची में जिन मतदाताओं की आयु 38 वर्ष या उससे अधिक है तथा उनका नाम 2003 की मतदाता सूची में भी पंजीकृत नहीं है।
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श्रेणी-सी: 2025 की मतदाता सूची में जिन मतदाताओं की आयु 20-37 वर्ष है।
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श्रेणी-डी: 2025 की मतदाता सूची में जिन मतदाताओं की आयु 18-19 वर्ष है।
पहचान संबंधी दस्तावेज और आधार का उपयोग
श्रेणी ए में चिन्हित मतदाताओं को सत्यापन के समय केवल एग्स्ट्रेक्ट प्रस्तुत करना होगा। श्रेणी -बी में चिन्हित मतदाताओं को आयोग द्वारा नियत 11 डाॅक्यूमेंट में से कोई भी एक प्रस्तुत करना होगा। श्रेणी-सी में चिन्हित मतदाताओं को पूर्व नियत 11 डाॅक्यूमेंट में से स्वयं का कोई एक डाॅक्यूमेंट तथा एक डाॅक्यूमेंट अपने माता-पिता का प्रस्तुत करना होगा। श्रेणी-डी में चिन्हित मतदाताओं को पूर्व में नियत 11 डाॅक्यूमेंट में से स्वयं का कोई एक व एक-एक डाॅक्यूमेंट अपने माता एवं पिता का प्रस्तुत करना होगा। यदि श्रेणी सी या डी में चिन्हित मतदाता के माता-पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज है तो ऐसे प्रकरण में 2003 की मतदाता सूची में से माता-पिता का एब्सट्रेक्ट प्रस्तुत किया जाएगा, अन्य डाॅक्यूमेंट की आवश्यकता नहीं है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आधार को 12वें डाॅक्यूमेंट के रूप में सम्मिलित करने के निर्देश दिए गए हैं। आधार का प्रयोग केवल पहचान के लिए किया जा सकता है, इसकी प्रमाणिकता एवं नागरिकता के संदर्भ में पूर्व नियत दस्तावेज में से कोई भी एक दस्तावेज आधार के साथ संलग्न करना आवश्यक होगा।
मतदान स्थलों का पुनर्निधारण और बीएलए की नियुक्ति
आयोग के निर्देशानुसार मतदेय स्थलों के पुनर्निधारण, संशोधन एवं परिवर्तन की कार्यवाही भी गतिमान है, जिसमें वर्तमान में जिन पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की संख्या 1200 से अधिक है, वर्तमान में किसी मतदाता को अपने निवास स्थान से पोलिंग बूथ तक पहुंचने में 2 किमी पैदल दूरी तय करनी पड़ती हो, और वर्तमान पोलिंग बूथ जीर्ण-शीर्ण या क्षतिग्रस्त या भवन के नाम में कोई परिवर्तन हो आदि शामिल हैं। मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों से आगामी एसआईआर में निरंतर समन्वय बनाए जाने हेतु प्रत्येक पोलिंग बूथ पर बीएलए की नियुक्ति का अनुरोध किया गया है। अभी तक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दलों द्वारा राज्य में 2744 बीएलए की ही नियुक्ति की गई है।
अपील तंत्र और उपलब्ध मतदाता सूची
उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों की 2003 की मतदाता सूची सीईओ वेबसाइट https://ceo.uk.gov.in/ पर उपलब्ध है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 (क) के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति निर्वाचन अधिकारी के निर्णय से व्यथित है, तो वह निर्धारित समय के भीतर जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रथम अपील कर सकता है (15 दिन)। यदि अपीलकर्ता असंतुष्ट रहता है, तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 (बी) और निर्वाचन आयोग, 1960 के नियम 27 के अनुसार, जिलाधिकारी के आदेश के 30 दिनों के भीतर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील की जा सकती है (30 दिन)।
बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी किशन सिंह नेगी, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास सहित सीपीआई (एम) से अनंत आकाश, कांग्रेस से डॉ. प्रतिमा सिंह, दिनेश सिंह, बीएसपी से सत्येंद्र सिंह, सतेंद्र, बीजेपी से पुनीत मित्तल, संजीव विज, पंकज शर्मा उपस्थित रहे।
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