चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार (12 सितंबर 2025) को सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्पेशल गिरदावरी (फसल क्षति का आकलन) के निर्देश भी दिए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट पहले ही फसल के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का फैसला कर चुकी है।
मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि जहां पर 100 फीसदी फसल खराब हुई है, वहां पर तो एक माह के भीतर ही मुआवजा दे दिया जाएगा। बाकी विशेष गिरदावरी होने के उपरांत दीपावली से पहले किसानों को चेक दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि विशेष गिरदावरी को 40 से 45 दिन लग सकते हैं। मान ने कहा, “लेकिन इस दौरान न तो मैं चैन से सोऊंगा और न ही किसी अधिकारी को सोने दूंगा।”
रेत हटाने के लिए सरकार खरीदेगी जेसीबी
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जिन किसानों के खेतों में रेत और मिट्टी आ गई है, उसे हटाने के लिए सरकार जेसीबी खरीदेगी। उन्होंने कहा कि गिरदावरी के उपरांत किसानों को एक सप्ताह का समय आपत्तियों के लिए भी दिया जाएगा। उन्होंने अक्सर देखी जाने वाली समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि प्रभावशाली लोगों के फार्म तो भर जाते हैं, लेकिन छोटे किसानों के फार्म नहीं भरे जाते। इसलिए सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी शिकायत आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बाढ़ की स्थिति और मुआवजे पर केंद्र से अपील
बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब केवल घग्गर नदी ही चढ़ी हुई है, लेकिन उसका नुकसान पंजाब में नहीं है। इसके बावजूद एक लाख बोरी मिट्टी भरकर रखी गई है और 2 लाख बोरियों में मिट्टी भरने का काम जारी है। उन्होंने बताया कि ड्रोन के जरिए सरकार मैपिंग कर रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सारा मुआवजा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वह मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के पास भी जा रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने 31 अगस्त को पहले ही प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि केंद्र की चालू स्कीमों के तहत घर निर्माण या स्कूलों की मरम्मत करवाई जाएगी, लेकिन हकीकत यह है कि इन योजनाओं के तहत पंजाब के घर आ ही नहीं सकते, क्योंकि इन योजनाओं में जो शर्तें हैं, वे पंजाब के हालात में फिट नहीं बैठतीं। इसी लिए वह प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से मिलकर नियमों में छूट की मांग करेंगे।
राजनीतिक टिप्पणियां
भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ द्वारा हरदीप मुंडियां को नहीं पहचानने के बयान पर मुख्यमंत्री ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा के प्रधान को मंत्रियों को पहचानना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह उनकी समस्या है। प्रधानमंत्री जब गुरदासपुर में आए थे तब कांग्रेस से माइग्रेट होकर भाजपा में गए नेता आगे थे, असली भाजपाई तो पीछे थे।”
शिअद प्रधान सुखबीर बादल द्वारा 1 लाख एकड़ के लिए गेहूं के बीज देने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, “कहीं वह तोता सिंह मार्का बीज न दे दें। क्योंकि तोता सिंह (स्वर्गीय पूर्व कृषि मंत्री) जो बीज दिए थे, उस बीज घोटाले की जांच अभी तक चल रही है।” बादल द्वारा किसानों में पैसे बांटने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, “ज्ञानी हरप्रीत कह रहे हैं कि गोलक का पैसा सुखबीर बादल बांट रहे हैं। हम भी यहीं कहते थे, जब दरबार साहिब से सभी को लाइव चलाने के अधिकार का बिल विधान सभा में पास किया गया तो यही ज्ञानी हरप्रीत सिंह कह रहे थे कि हम अपना यू-ट्यूब चैनल शुरू कर लेते हैं। अब राजनीति में आ गए तो भाषा बदल गई।”
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