नई दिल्ली। त्योहारों के मौसम से ठीक पहले उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि कंपनियों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में की गई कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित निर्यातकों को राहत प्रदान करने के लिए एक विशेष पैकेज पर भी काम कर रही है।
वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि जीएसटी सुधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीधे निर्देश पर किए गए हैं, और इन सुधारों का मुख्य उद्देश्य आम आदमी, किसान और छोटे कारोबारियों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाना है। उन्होंने जानकारी दी कि कई कंपनियों ने पहले ही अपने उत्पादों की कीमतें घटाने की घोषणा कर दी है। सरकार इन कीमतों पर कड़ी नजर रख रही है और सांसदों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में कीमतों की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि कंपनियों द्वारा दरों में कटौती का लाभ वास्तव में उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है या नहीं।
कब से लागू होंगी नई दरें?
जीएसटी की नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी, जो नवरात्रि के पवित्र त्योहार की शुरुआत का दिन है। यह वह समय होता है जब देशभर में त्योहारों की खरीदारी अपने चरम पर होती है। वित्त मंत्री को पूरी उम्मीद है कि 375 वस्तुओं पर की गई टैक्स कटौती से देश में उपभोग को बढ़ावा मिलेगा और इससे समग्र अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब सरकार आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।
सीतारमण ने यह भी भरोसा दिलाया कि सरकार बार-बार टैक्स दरों में बदलाव नहीं करेगी, जिससे व्यापार जगत में स्थिरता आएगी। हालांकि, कुछ विपक्षी शासित राज्यों ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में राजस्व नुकसान की आशंका जताई थी। इस पर वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि “नुकसान केवल राज्यों को नहीं, बल्कि केंद्र को भी होता है। लेकिन जब लोगों की जेब में पैसा जाएगा, तो सरकार सिर्फ अपनी कमाई की चिंता नहीं कर सकती।” यह बयान सरकार की उस प्राथमिकता को दर्शाता है जिसमें वह राजस्व संग्रह से अधिक उपभोक्ता कल्याण और आर्थिक विकास को महत्व दे रही है।
उपभोक्ताओं को होगी बचत
वित्त मंत्री ने बताया कि इस बार ज्यादातर वस्तुएं कम टैक्स दायरे में लाई गई हैं, और अब केवल 13 सामान ही ‘लक्जरी और सिन गुड्स’ (पाप वाले सामान) श्रेणी में बचे हैं। इस कदम से टैक्स ढांचा सरल होगा और उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण बचत होगी। यह ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि वे कम कीमतों पर अधिक सामान खरीद सकेंगे।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कंपनियों को तुरंत अपने बिलिंग सिस्टम को अपडेट करने का निर्देश दिया है, ताकि 22 सितंबर से नई दरें प्रभावी ढंग से लागू हो सकें। उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि कंपनियों को इस लाभ को अपने पास नहीं रखना चाहिए, बल्कि इसे अनिवार्य रूप से ग्राहकों तक पहुंचाना चाहिए।
सरकार कर सकती है कार्रवाई
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई सेक्टर इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो सरकार संबंधित उद्योग संगठनों के साथ बातचीत के बाद कड़ी कार्रवाई करेगी। विशेष रूप से बीमा और ऑटो सेक्टर को लेकर स्पष्टीकरण दिया गया है कि उन्हें जो बड़ी राहत मिली है, उसका पूरा फायदा ग्राहकों को देना होगा। वहीं, सिगरेट, पान मसाला और तंबाकू जैसे ‘सिन गुड्स’ पर टैक्स बोझ घटने वाला नहीं है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि ऐसे उत्पादों की खपत पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। यह कदम उपभोक्ताओं के हित में सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करेगा कि जीएसटी कटौती का वास्तविक लाभ आम जनता तक पहुंचे।
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