नई दिल्ली। कनाडा सरकार की एक हालिया रिपोर्ट ने एक बड़ा और सनसनीखेज खुलासा किया है। इस रिपोर्ट में आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार किया गया है कि खालिस्तानी आतंकी संगठन कनाडा की धरती पर सक्रिय हैं और उन्हें वहीं से आर्थिक मदद भी मिल रही है। यह पहला अवसर है जब कनाडा ने यह बात मानी है कि ऐसे संगठन उसकी जमीन का इस्तेमाल फंडिंग जुटाने के लिए कर रहे हैं।
यह महत्वपूर्ण रिपोर्ट कनाडा के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग से जुड़े खतरों का विस्तृत आकलन किया गया है। रिपोर्ट में विशेष रूप से बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI), इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) और ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) जैसे खालिस्तानी संगठनों का नाम लिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये खालिस्तानी संगठन कनाडा सहित कई अन्य देशों में सक्रिय रूप से पैसा जुटा रहे हैं। यह खुलासा भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत लंबे समय से कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर चिंता व्यक्त करता रहा है।
किन कामों से मिल रहा पैसा?
रिपोर्ट में यह भी विस्तार से बताया गया है कि इन खालिस्तानी संगठनों को केवल दान या चैरिटी के माध्यम से ही नहीं, बल्कि कई आपराधिक और गलत कामों से भी पैसा मिल रहा है। इन अवैध गतिविधियों में नशीले पदार्थों का धंधा, गाड़ियों की चोरी और चैरिटी फंड का गलत इस्तेमाल शामिल है। यह दर्शाता है कि ये संगठन अपनी गतिविधियों को वित्त पोषित करने के लिए विभिन्न प्रकार के अवैध स्रोतों पर निर्भर हैं, जिससे उनकी खतरनाक प्रकृति और बढ़ जाती है।
रिपोर्ट में केवल खालिस्तानी संगठनों तक ही सीमित नहीं रहा गया है, बल्कि इसमें हमास और हिजबुल्लाह जैसे अन्य आतंकवादी संगठनों के लिए भी कनाडा से पैसे जाने का उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कानून-व्यवस्था और खुफिया एजेंसियों ने कई बार यह देखा है कि इन आतंकवादी समूहों को कनाडा से आर्थिक सहायता मिल रही है। यह कनाडा के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि इससे उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि और सुरक्षा दोनों प्रभावित हो सकती हैं।
कैसे जुटा रहे फंडिंग?
रिपोर्ट में फंडिंग जुटाने के तरीकों में आए बदलावों पर भी प्रकाश डाला गया है। इसमें बताया गया है कि खालिस्तानी संगठन अब पहले की तरह बड़े और संगठित नेटवर्क के बजाय छोटे-छोटे गुटों के माध्यम से फंडिंग जुटा रहे हैं। प्रवासी भारतीयों से आने वाले दान का भी इसमें बड़ा योगदान है। यह दर्शाता है कि ये संगठन अपनी रणनीतियों को अनुकूलित कर रहे हैं ताकि वे जांच से बच सकें और अपनी वित्तीय गतिविधियों को जारी रख सकें।
इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि ये संगठन अब आधुनिक तरीकों से फंडिंग कर रहे हैं। इसमें क्राउडफंडिंग, क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग और बैंकिंग सेक्टर का गलत इस्तेमाल शामिल है। साथ ही, नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन (NPO) और चैरिटी संस्थाओं का दुरुपयोग भी इन संगठनों द्वारा फंडिंग जुटाने के लिए किया जा रहा है। यह एक जटिल चुनौती प्रस्तुत करता है, क्योंकि अवैध गतिविधियों के लिए वैध दिखने वाले चैनलों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे उन्हें ट्रैक करना और रोकना मुश्किल हो जाता है।
कनाडा की इस आधिकारिक रिपोर्ट का खुलासा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, क्योंकि यह कनाडा में खालिस्तानी आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की चिंताओं को बल प्रदान करता है। यह देखना होगा कि कनाडा सरकार इस रिपोर्ट के निष्कर्षों पर क्या कार्रवाई करती है और इन आतंकवादी संगठनों की फंडिंग को रोकने के लिए क्या कदम उठाती है।
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