पीएम मोदी ने SCO शिखर सम्मेलन में आतंकवाद पर ज़ोर दिया, पुतिन और शी से की मुलाकात
तियानजिन, चीन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया, जहाँ उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और कनेक्टिविटी व अवसर पर भी जोर दिया। इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से भी मुलाकात की।
आतंकवाद पर भारत का कड़ा रुख:
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है और हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद पर कोई दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है और सभी देशों को मिलकर इसके हर रूप का विरोध करना होगा।उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है।SCO के सदस्य देशों ने भी पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि इसके दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
भारत का SCO के प्रति दृष्टिकोण:
प्रधानमंत्री मोदी ने SCO के लिए भारत के दृष्टिकोण को तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित बताया: सुरक्षा (Security), कनेक्टिविटी (Connectivity) और अवसर (Opportunity)।
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सुरक्षा: उन्होंने कहा कि सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद इस राह में बड़ी चुनौतियां हैं।
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कनेक्टिविटी: पीएम मोदी ने मजबूत कनेक्टिविटी पर जोर दिया, जो न केवल व्यापार को बढ़ावा देती है, बल्कि विकास और विश्वास के द्वार भी खोलती है। उन्होंने चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसी पहलों का जिक्र किया, जो अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ कनेक्टिविटी बेहतर बनाने में मदद करेंगी।हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संप्रभुता का उल्लंघन करने वाली कनेक्टिविटी अपना विश्वास और अर्थ खो देती है, जो चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) पर भारत की चिंताओं को दर्शाता है।
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अवसर: उन्होंने सदस्य देशों को भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया और “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” के मंत्र का उल्लेख किया।
पुतिन से द्विपक्षीय मुलाकात:
शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। पीएम मोदी ने कहा कि उनसे मिलना हमेशा एक यादगार अनुभव रहा है और दोनों देशों के बीच नियमित रूप से उच्च-स्तरीय बैठकें होती रही हैं।उन्होंने दिसंबर में होने वाले 23वें शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन को भारत आने का न्योता भी दिया।पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और रूस हर कठिन परिस्थिति में एक साथ खड़े रहे हैं, और यूक्रेन संघर्ष को जल्द समाप्त कराने की कोशिश जारी है।रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी रूस-यूक्रेन संघर्ष को हल करने के भारत और चीन के प्रयासों की सराहना की।
अन्य प्रमुख बातें:
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पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से भी मुलाकात की।दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक गति का स्वागत किया और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।
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चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने SCO सदस्य देशों को 281 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ग्रांट देने की घोषणा की।
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पीएम मोदी ने लोगों से लोगों के संबंधों को मजबूत करने के लिए SCO के तहत एक सभ्यतागत संवाद मंच (Civilisational Dialogue Forum) बनाने का भी प्रस्ताव रखा, जिसके माध्यम से सदस्य देशों की प्राचीन सभ्यताओं, कला, साहित्य और परंपराओं को वैश्विक मंच पर साझा किया जा सके।
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शिखर सम्मेलन में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू और म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलिंग सहित कई अन्य नेताओं ने भी भाग लिया।
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SCO शिखर सम्मेलन की समाप्ति पर सदस्य देशों द्वारा तियानजिन घोषणा को अपनाया गया।
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