नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चीन में आयोजित शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और सदस्य देशों के सत्र में भारत का वक्तव्य प्रस्तुत किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक मंच पर आतंकवाद के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और स्पष्ट किया कि भारत या कोई भी देश उग्रवाद, अलगाववाद और आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।
अपने संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले का भी जिक्र किया, जिसने हाल ही में भारत को झकझोर दिया था। उन्होंने कहा, “भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा। मैं इस दुख की घड़ी में हमारे साथ खड़े होने वाले मित्र देश के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। हमें स्पष्ट और सर्वसम्मति से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ के सदस्य देशों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने एससीओ के सदस्य के रूप में बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि एससीओ के लिए भारत का दृष्टिकोण और नीति तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित है, और उन्होंने एससीओ का एक अलग अर्थ S- सुरक्षा (Security), C- कनेक्टिविटी (Connectivity) और O- अवसर (Opportunity) बताया।
पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन स्वीकार्य हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमें हर रूप और रंग के आतंकवाद का सर्वसम्मति से विरोध करना होगा। मानवता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद इस राह में बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद सिर्फ एक देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती है और कोई भी देश, समाज या नागरिक इससे खुद को सुरक्षित नहीं मान सकता।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता पर जोर दिया है और संयुक्त सूचना अभियान का नेतृत्व करके अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकवादी संगठनों से लड़ने की पहल की है। उन्होंने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ आवाज उठाने में मिली सहायता के लिए आभार व्यक्त किया।
Pls reaD:China: भारत-चीन सीमा वार्ता, शांति और सौहार्द बनाए रखने पर जोर