गौचर-कमेड़ा/कर्णप्रयाग: उत्तराखंड में मानसून की भारी बारिश का कहर लगातार जारी है, जिसके चलते सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सिमली-ग्वालदम नेशनल हाईवे गौचर-कमेड़ा में मलबे में एक बस फंसने से हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। पहाड़ी से लगातार बोल्डर आने के कारण हाईवे बंद हो गया है, और बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) द्वारा बोल्डरों को हटाने का प्रयास जारी है।
वहीं, कर्णप्रयाग-नैनीसैंण मोटर मार्ग पर भी भारी मलबा आने से यह मार्ग कई स्थानों पर बंद है। कनखुल तल्ला के पास शनिवार सुबह फिर से मलबा गिरा, जिससे पिछले 24 घंटे से मार्ग पूरी तरह बंद है। इसके चलते कपीरी पट्टी के दर्जनों गांवों का मुख्य बाजार से संपर्क कट गया है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रुद्रप्रयाग में अतिवृष्टि से भारी तबाही
राज्य में अतिवृष्टि के कारण रुद्रप्रयाग जिले में भी भीषण तबाही हुई है। भूस्खलन से छेनागाड़ पूरी तरह तबाह हो गया है, जहां 15 दुकानें और घर जमींदोज हो गए हैं। इस घटना में आठ लोग नदी में बह गए, जिनमें से एक महिला की मौत की पुष्टि हुई है।
अगले 15 दिनों तक मानसून की बारिश जारी रहेगी
मौसम विभाग के अनुसार, देश में अभी केवल पांच दिन ही नहीं, बल्कि आगामी 15 दिन तक मानसून की बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। मौसम विभाग भी अब मानसून का मिजाज नरम पड़ने का इंतजार कर रहा है। राज्य में इस बार लगातार मानसूनी बारिश हो रही है, और बारिश का आंकड़ा हर साल के मानसून सीजन से आगे बढ़ चुका है।
मौसम विभाग के निदेशक सीएस तोमर का कहना है कि अभी पांच दिन तक प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि 15 सितंबर तक अभी मानसून जारी रहेगा, हालांकि 15 सितंबर आते-आते थोड़ा हल्का हो सकता है। सितंबर के आखिरी सप्ताह तक मानसून की विदाई हो सकती है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए, उत्तराखंड के निवासियों को अगले कुछ हफ्तों तक सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। प्रशासन और आपदा राहत दल लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।