Himachal: चंबा में स्थिति में सुधार, मणिमहेश यात्री अभी भी फंसे

शिमला/चंबा/पंडोह: हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भारी वर्षा के बाद चंबा जिले में स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। गुरुवार शाम को चार दिन बाद चंबा में इंटरनेट सेवा और चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) बहाल हो गए। हालांकि, मणिमहेश यात्रा पर आए हजारों श्रद्धालु अब भी जगह-जगह फंसे हुए हैं। रावी नदी में आई बाढ़ से चंबा-भरमौर एनएच का नामोनिशान मिट गया है और मणिमहेश नाले में आई बाढ़ से रास्ते व पुल बह गए हैं।

प्रशासन ने गुरुवार को 3280 लोगों को सुरक्षित निकाला, जिनमें 280 बच्चे शामिल हैं। तीन दिन में मणिमहेश यात्रा के दौरान 11 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। हजारों मणिमहेश यात्री भरमौर व हड़सर में फंसे हैं।कुछ लोग पैदल ही 70-80 किलोमीटर का सफर कर चंबा मुख्यालय पहुंचे हैं।[जिला प्रशासन ने कुछ श्रद्धालुओं को लक्ष्मी नारायण मंदिर व स्कूलों में ठहराया है। श्रद्धालु आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन की ओर से उनकी सुध नहीं ली जा रही है। बनीखेत पहुंचे रूपनगर के श्रद्धालुओं ने भी प्रशासन पर मदद न करने का आरोप लगाया और कहा कि स्थानीय लोगों व टैक्सी चालकों ने उनकी मदद की।

बार एसोसिएशन चंबा ने वीरवार को उपायुक्त के समक्ष बिजली, पानी व इंटरनेट सुविधाएं ठप पड़ने का मुद्दा रखा। वकीलों ने आरोप लगाया कि उपायुक्त ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, जिसके बाद वकीलों ने चंबा शहर में चक्काजाम कर दिया और उपायुक्त पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की।

उधर, मेडिकल कॉलेज चंबा में बुधवार को पानी न आने के कारण मरीजों के लिए दोपहर व शाम का खाना नहीं बन पाया। देर शाम कुछ संस्थाएं अस्पताल पहुंचीं, जिसके बाद रात 10 बजे मरीजों के लिए थोड़े से चावल बनाए गए।

वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चंबा जिले में हुई जनहानि पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने चंबा जिला प्रशासन को सड़क संपर्क को प्राथमिकता पर बहाल करने के निर्देश दिए।

मंडी जिले में पंडोह के पास बनाला में बुधवार रात पहाड़ दरकने से बाधित किरतपुर-मनाली फोरलेन पर फंसे छोटे वाहनों को वीरवार शाम 5:30 बजे कुल्लू की ओर से भेजा गया।भूस्खलन से फोरलेन का 100 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। कुल्लू के लिए वैकल्पिक कमांद-कटौला-बजौरा मार्ग भी छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है।छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए समय-सारिणी तय की गई है। मनाली-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पर डोभी में फंसे 130 लोगों को पुलिस ने सुरक्षित निकाला। डोभी तिब्बती कॉलोनी में ब्यास नदी का पानी भर जाने से ये लोग फंस गए थे।

शिमला जिले के चिड़गांव निवासी थरोच के रेंज अधिकारी प्रेम राज रुकटा की बोलेरो गाड़ी पर बुधवार शाम थरोच से एक किलोमीटर पूर्व कयारना में पहाड़ी से पत्थर व चट्टानें गिर गईं, जिससे वह व गाड़ी का चालक घायल हो गए। शिमला के उपनगर टुटू के साथ लगते शिवनगर में बुधवार रात भूस्खलन होने से सड़क किनारे खड़े दो वाहन दब गए। पौंग बांध से छोड़े जा रहे पानी से कांगड़ा जिले के इंदौरा और फतेहपुर के मंड क्षेत्र में आफत बन रहा है।दोनों क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हैं। वीरवार को मंड घंडरां में 15 लोगों को रेस्क्यू किया गया।

मौसम विभाग ने 29 अगस्त को ऊना, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर, 30 अगस्त को चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला समेत आठ जिलों और 31 अगस्त को किन्नौर व लाहौल-स्पीति को छोड़कर सभी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। पहली से तीन सितंबर तक भी भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। 24 घंटों के दौरान मंडी जिले के पंडोह में सर्वाधिक 110 मिलीमीटर वर्षा हुई है। प्रदेश में एक राष्ट्रीय राजमार्ग और 524 सड़कें बंद हैं। प्रदेश में 1230 ट्रांसफार्मर और 416 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मानसून के कारण हिमाचल में अब तक कुल 312 मौतें हुई हैं, जिनमें 160 बारिश से संबंधित घटनाओं और 152 सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई हैं।

 

Pls reaD:Himachal: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में संस्थान खोलने और बंद करने पर हंगामा, उप मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच नोक-झोंक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *