देहरादून। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक बार फिर अपने अलग अंदाज में नजर आए। गुरुवार को वह बारिश के बीच एक आम आदमी की तरह छाता लेकर निकले और स्थानीय लोगों के बीच पहुंचे। उन्होंने लोगों से मुलाकात की, उनसे बातचीत की और यहाँ तक कि खुद चाय भी बनाई और उसकी चुस्कियां लीं।
गुरुवार सुबह, मुख्यमंत्री धामी ने मॉर्निंग वॉक के दौरान भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में चंद्र सिंह नेगी की चाय की दुकान पर चाय का आनंद लिया। इस दौरान उन्होंने खुद चाय बनाकर दूसरों को पिलाई और स्थानीय जनता का कुशलक्षेम जाना। उन्होंने लोगों से बात करके सरकार द्वारा संचालित विकासपरक और जनकल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक भी लिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बुधवार को विधानसभा सत्र के समापन के बाद भराड़ीसैंण में रुक कर कुछ समय और स्थानीय जनजीवन से जुड़ने का अवसर उनके लिए विशेष है। उन्होंने जोर दिया कि गैरसैंण केवल उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी ही नहीं, बल्कि एक सुंदर, संभावनाओं से भरपूर पर्यटन स्थल भी है। उन्होंने यहां की मनमोहक वादियों, शुद्ध पर्वतीय हवा और शांत वातावरण में एक अलग ही ऊर्जा का अनुभव होने की बात कही।
गौरतलब है कि बुधवार को उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था। विपक्ष के कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सभी कार्य रोककर चर्चा की मांग पर अड़े रहने के कारण चार दिन के लिए प्रस्तावित सत्र डेढ़ दिन में ही सिमट गया। कांग्रेस विधायकों ने दूसरे दिन भी बुधवार को सदन में जमकर हंगामा किया। उन्होंने विधानसभा सचिव की मेज पर लगातार पुस्तकें पटकीं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पीठ की ओर पर्चे उछाले, जिसके चलते सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। प्रश्नकाल भी नहीं हो पाया।
बाद में हंगामे के बीच 55 मिनट तक चली कार्यवाही के दौरान 5315.39 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट सहित नौ विधेयक पारित किए गए, और विभिन्न विधायकों की सूचनाएं ध्यानाकर्षण के लिए ली गईं। इसके पश्चात सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
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