सरकाघाट। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी जिले के सरकाघाट में आयोजित राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। भारी बारिश के बीच प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय को नेरचौक से सरकाघाट स्थानांतरित करने का ऐलान किया। पहले इस विश्वविद्यालय के लिए सुंदरनगर में भूमि चिन्हित की गई थी, लेकिन अब यह प्रतिष्ठित संस्थान सरकाघाट में स्थापित होगा।
समारोह की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने परेड की सलामी ली और अपने संबोधन में हिमाचल के वीरों के बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि देवभूमि के सपूतों ने हमेशा देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसमें पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।
आपदा प्रभावितों के लिए 100 करोड़ की राहत
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हाल ही में आई भीषण आपदा पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि इस मानसून में भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण अब तक 222 लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो चुकी है। आपदा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने प्रभावित परिवारों के लिए 100 करोड़ रुपये की विशेष राहत राशि की घोषणा की, जो विशेष रूप से मंडी जिले में खर्च की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो घर आपदा के कारण रहने योग्य नहीं बचे हैं, उन्हें पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त माना जाएगा और पॉलीहाउस के नुकसान पर 25,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जलवायु परिवर्तन को इस तबाही का मुख्य कारण बताते हुए केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग न मिलने पर निराशा भी व्यक्त की।
कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष जोर
कृषि क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्राकृतिक खेती पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। सरकार ने छह जिलों से 127 मीट्रिक टन कच्ची हल्दी खरीदी है और पांगी के किसानों से 100 रुपये प्रति किलो की दर से जौ खरीदने का निर्णय लिया है। बागवानी को बढ़ावा देने के लिए यूनिवर्सल कार्टन को अनिवार्य कर दिया गया है।
शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़े सुधार की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी सत्र से प्रदेश में 200 नए सीबीएसई स्कूल खोले जाएंगे। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि अब किसी भी शिक्षक को, चाहे वह तकनीकी या मेडिकल संस्थान से हो, अकादमिक सत्र के बीच में सेवानिवृत्त नहीं किया जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में नेरचौक, टांडा और हमीरपुर के मेडिकल कॉलेजों में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू करने की घोषणा की गई।
नशा मुक्त हिमाचल का संकल्प
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बढ़ते नशे के कारोबार पर कठोर प्रहार करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने बताया कि सरकार ने नशा माफिया की 42 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है और पुलिस भर्ती में ‘चिट्टा’ टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है। नशाखोरी को जड़ से खत्म करने के लिए ‘एंटी चिट्टा वालंटियर योजना’ शुरू की जाएगी, जिसके तहत सूचना देने वालों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी और एक विशेष ‘चिट्टा रोकथाम बोर्ड’ का गठन भी किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, सरकाघाट के लिए एक नए बस अड्डे का निर्माण, नागरिक अस्पताल की क्षमता 50 से बढ़ाकर 100 बिस्तर करने और शिव मंदिर की भूमि पर पार्किंग बनाने की भी घोषणा की गई। हालांकि, महंगाई भत्ते की उम्मीद लगाए बैठे सरकारी कर्मचारियों को इस बार भी निराशा हाथ लगी। मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि प्रदेश जल्द ही आपदा से उबरकर विकास के पथ पर अग्रसर होगा।
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