शिमला। हिमाचल प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के संकल्प को और मजबूत करते हुए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने आज ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत एक बड़े कार्यक्रम में युवाओं और अधिकारियों को शपथ दिलाई। इस अवसर पर उन्होंने नशे के खिलाफ सरकार द्वारा बनाए गए कड़े कानूनों और पुनर्वास के लिए किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में डॉ. शांडिल ने राजकीय महाविद्यालय कोटशेरा के 96 राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) स्वयंसेवकों, राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) और स्काउट्स एंड गाइड्स के कैडेट्स, राजकीय महाविद्यालय संजौली के 20 छात्रों, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के 13 छात्रों सहित सचिवालय के अधिकारियों, ज्ञान-विज्ञान समिति के सदस्यों और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को अपने जिले, राज्य और देश को नशा मुक्त बनाने की शपथ दिलाई।
युवाओं से की एकजुट होने की अपील
इस अवसर पर डॉ. शांडिल ने युवाओं, महिलाओं और अधिकारियों से नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक रहने और इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “युवा ही हमारे प्रदेश और देश का भविष्य हैं, और एक ऊर्जावान युवा ही एक समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। दुर्भाग्य से, समाज में नशे का चलन बढ़ा है, इसलिए युवाओं को सही दिशा दिखाने के साथ-साथ रोकथाम और पुनर्वास के उपाय करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है।”
कड़े कानून और पुलिस की कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हाल ही में विधानसभा में नशाखोरी और इससे जुड़े अपराधों के खिलाफ दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए हैं। इन विधेयकों में दोषियों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास, 10 लाख रुपये तक का जुर्माना, संपत्ति जब्त करना, पुनर्वास, निवारक शिक्षा और आजीविका सहायता जैसे कड़े प्रावधान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि PIT NDPS अधिनियम के तहत हिमाचल प्रदेश पुलिस ने 42 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है, 70 तस्करों की संपत्ति की पहचान की है और 44 कुख्यात नशा तस्करों को हिरासत में लिया है।
पुनर्वास और परामर्श पर भी जोर
डॉ. शांडिल ने कहा कि सरकार केवल दंडात्मक कार्रवाई ही नहीं कर रही, बल्कि पुनर्वास पर भी पूरा ध्यान दे रही है। जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग में 100 बिस्तरों वाला एक आधुनिक नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए 5.34 करोड़ रुपये की मंजूरी दी जा चुकी है। इसके अलावा, कुल्लू, ऊना, हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में पुरुषों के लिए चार और कुल्लू में महिलाओं के लिए एक नशा मुक्ति केंद्र पहले से ही कार्यरत है। युवाओं को परामर्श देने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में 108 नए ‘दिशा’ केंद्र स्थापित किए गए हैं।
एक महीने का विशेष अभियान
यह सामूहिक शपथ अभियान ‘नशा मुक्त भारत’ पहल के तहत 1 अगस्त से 31 अगस्त, 2025 तक पूरे देश में चलाया जा रहा है। हिमाचल में इस दौरान स्कूल-कॉलेजों में सेमिनार, प्रतियोगिताएं, मानव श्रृंखला, छात्र रैलियां और नुक्कड़ नाटक जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम के अंत में, सभी उपस्थित लोगों ने एक क्यूआर कोड स्कैन करके ऑनलाइन शपथ ली और अपने प्रमाण पत्र डाउनलोड किए।
इस अवसर पर निदेशक ESOMSA सुमित खिम्ता, अतिरिक्त निदेशक डॉ. भावना और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।