Himachal: मुख्य सचिव के सेवा विस्तार पर हाईकोर्ट सख्त, केंद्र से पूछा- ‘ऐसा क्या जनहित था?’, पूरा रिकॉर्ड तलब

शिमला।

हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को मिले सेवा विस्तार का मामला अब हाईकोर्ट की सख्त निगरानी में आ गया है। अदालत ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए केंद्र और राज्य सरकार से सेवा विस्तार से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड तलब कर लिया है। कोर्ट ने विशेष रूप से केंद्र सरकार से यह जानने की मांग की है कि आखिर ऐसा कौन सा ‘जनहित’ था, जिसके चलते एक कथित रूप से दागी अधिकारी को सेवा विस्तार देना आवश्यक हो गया।

मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के उस जवाब पर असंतोष व्यक्त किया, जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार के आग्रह पर जनहित में सेवा विस्तार दिया गया। खंडपीठ ने केंद्र से स्पष्ट रूप से पूछा कि वे कारण और वह जनहित बताएं, जिसे पूरा करने के लिए प्रबोध सक्सेना को सेवा विस्तार दिया गया। कोर्ट ने यह भी जानना चाहा है कि केंद्र सरकार की किस अथॉरिटी ने इस सेवा विस्तार को प्रदान करने की अंतिम अनुमति दी थी। मामले की अगली सुनवाई 3 सितंबर को निर्धारित की गई है।

यह कार्रवाई याचिकाकर्ता अतुल शर्मा द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर हुई है, जिसमें मुख्य सचिव के रूप में प्रबोध सक्सेना को छह महीने का सेवा विस्तार प्रदान करने वाले 28 मार्च, 2025 के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है।

याचिका में लगाए गए गंभीर आरोप

याचिकाकर्ता ने कोर्ट के समक्ष तथ्य रखते हुए कहा कि नई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 21 अक्टूबर, 2019 को ही प्रबोध सक्सेना के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर एक आरोपपत्र का संज्ञान ले लिया था। याचिका के अनुसार, सीबीआई ने 23 जनवरी, 2025 को एक पत्र जारी कर इस बात की पुष्टि भी की है कि प्रबोध सक्सेना के खिलाफ आपराधिक मुकदमा लंबित है।

प्रार्थी का आरोप है कि ‘दागी’ होने के बावजूद, भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने 28 मार्च, 2025 को प्रबोध सक्सेना को 30 सितंबर, 2025 तक मुख्य सचिव के रूप में छह महीने का विस्तार दे दिया। याचिका में यह भी आरोप है कि आपराधिक मुकदमा लंबित होने के बावजूद, प्रबोध सक्सेना का नाम ‘संदिग्ध सत्यनिष्ठा’ की सूची में शामिल नहीं किया गया, जो नियमों का उल्लंघन है। यह भी आरोप लगाया गया है कि सेवा विस्तार को मंजूरी देते समय केंद्र सरकार के समक्ष पूरी सतर्कता रिपोर्ट नहीं रखी गई थी और उन्होंने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग भी किया है।

 

Pls read:Himachal: 15 अगस्त तक हिमाचल में बारिश का अलर्ट, शिमला में सड़क पर गिरा पेड़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *