नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और टैरिफ को लेकर चल रही खींचतान के बीच एक बड़े बयान ने दोनों देशों के जटिल व्यापारिक संबंधों को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और उनके संभावित वित्त मंत्री माने जा रहे स्कॉट बेसेंट ने भारत को व्यापार वार्ता में एक ‘अड़ियल’ भागीदार बताया है। उनका यह बयान एक तरह से इस बात की पुष्टि करता है कि भारत अब किसी भी देश के दबाव में आकर अपने हितों से समझौता करने को तैयार नहीं है।
यह टिप्पणी उस समय आई जब स्कॉट बेसेंट से भारत और अमेरिका के बीच लंबित व्यापार सौदे (ट्रेड डील) को लेकर सवाल पूछा गया। उन्होंने स्वीकार किया कि इस लक्ष्य को पाना थोड़ा मुश्किल है। बेसेंट ने कहा, “यह थोड़ा मुश्किल लक्ष्य है, लेकिन हम अच्छी स्थिति में हैं। जिन बड़े व्यापारिक सौदों पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है, उनमें स्विट्जरलैंड और भारत शामिल हैं। भारत थोड़ा अड़ियल रहा है।” उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि और वकीलों की टीमें इन सौदों को अंतिम रूप देने के लिए लगातार काम कर रही हैं।
ट्रंप की टैरिफ की धमकी ने बढ़ाया तनाव
बेसेंट का यह बयान ऐसे समय में आया है जब डोनाल्ड ट्रंप ने खुद राष्ट्रपति बनने पर भारत के खिलाफ कड़े व्यापारिक कदम उठाने के संकेत दिए हैं। ट्रंप ने भारत पर 50% तक का भारी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें से 25% टैरिफ भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के जवाब में लगाया जाएगा। उनके अभियान के अनुसार, यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू करने की योजना है। हालांकि यह अभी केवल एक चुनावी घोषणा है, लेकिन इसने दोनों देशों के व्यापारिक माहौल में अनिश्चितता बढ़ा दी है।
कूटनीतिक दृढ़ता का प्रमाण
विश्लेषकों का मानना है कि ‘अड़ियल’ जैसे शब्द का प्रयोग अमेरिकी खेमे की हताशा को दर्शाता है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपने आर्थिक और रणनीतिक हितों को लेकर पूरी मजबूती से मोलभाव कर रहा है। भारतीय वार्ताकार अमेरिकी मांगों के सामने झुकने के बजाय बराबरी की शर्तों पर एक निष्पक्ष समझौते पर जोर दे रहे हैं, जो अमेरिकी पक्ष को नागवार गुजर रहा है।
यह बयानबाजी ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत के कई दौर हो चुके हैं। खबर के अनुसार, अमेरिकी टीम बातचीत के अगले दौर के लिए 25 अगस्त को भारत आने वाली थी। कुल मिलाकर, स्कॉट बेसेंट का बयान और ट्रंप की धमकी यह दर्शाती है कि अगर अमेरिका में सत्ता परिवर्तन होता है, तो भारत को और भी कड़ी व्यापारिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, यह भारत की बढ़ती वैश्विक हैसियत और अपनी शर्तों पर दुनिया से जुड़ने की आत्मविश्वास से भरी नीति का भी प्रतीक है।
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