शिमला। हिमाचल प्रदेश में दलगत राजनीति से ऊपर उठते हुए, सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक अपने वेतन-भत्तों में वृद्धि को लेकर एकजुट नजर आ रहे हैं। विधानसभा के बजट सत्र में इस मुद्दे पर एक सुर में उठी आवाज अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। विधायकों के वेतन में भारी वृद्धि से संबंधित विधेयक अब राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की स्वीकृति के लिए राजभवन पहुंच गया है।
राज्यपाल की मंजूरी का इंतजार
विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन विधायकों के वेतन, भत्ते और पेंशन से संबंधित तीन विधेयकों को ध्वनिमत से पारित किया गया था। हालांकि, इन विधेयकों में कुछ तकनीकी त्रुटियां रह गई थीं, जिन्हें सुधारने में लगभग चार महीने का समय लग गया। इस दौरान विधानसभा सचिवालय और सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के बीच कई दौर की बैठकें हुईं, जिसके बाद इन त्रुटियों को दूर कर विधेयक को अंतिम रूप दिया गया। अब यह विधेयक सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद राजभवन सचिवालय में है, जहां राज्यपाल के दिल्ली दौरे से लौटने का इंतजार किया जा रहा है। उनकी स्वीकृति मिलते ही विधानसभा सचिवालय द्वारा वेतन वृद्धि संबंधी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
वेतन और भत्तों का नया ढांचा
यदि राज्यपाल इस विधेयक को अपनी स्वीकृति दे देते हैं, तो विधायकों के वेतन और भत्तों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
-
कुल वेतन: विधायकों का कुल मासिक वेतन मौजूदा 2.10 लाख रुपये से बढ़कर 2.95 लाख रुपये हो जाएगा।
-
मूल वेतन (Basic Salary): सबसे बड़ी वृद्धि मूल वेतन में की गई है, जिसे 55,000 रुपये से बढ़ाकर 85,000 रुपये मासिक करने का प्रस्ताव है। इसमें सीधे तौर पर 30,000 रुपये की बढ़ोतरी होगी।
-
कार्यालय भत्ता: विधानसभा क्षेत्र में कार्यालय चलाने के लिए मिलने वाले भत्ते में तीन गुना वृद्धि की गई है। यह भत्ता 30,000 रुपये से बढ़ाकर 90,000 रुपये प्रति माह हो जाएगा।
-
दौरा भत्ता: अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने के लिए मिलने वाले भत्ते में भी 30,000 रुपये की वृद्धि की गई है, जिससे यह भत्ता अब 90,000 रुपये हो जाएगा।
ये भत्ते होंगे समाप्त
वेतन और भत्तों के इस पुनर्गठन के तहत कुछ मौजूदा भत्तों को समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है। कुल 35,000 रुपये के तीन भत्तों को अब नए वेतन ढांचे से हटा दिया गया है। इनमें शामिल हैं:
-
5,000 रुपये का प्रतिपूरक भत्ता
-
15,000 रुपये का टेलीफोन भत्ता
-
15,000 रुपये का कंप्यूटर ऑपरेटर भत्ता
इन भत्तों को समाप्त कर इन्हें बढ़े हुए कार्यालय भत्ते और मूल वेतन में समाहित कर दिया गया है, ताकि वेतन संरचना को और अधिक सुव्यवस्थित किया जा सके। अब सभी की निगाहें राजभवन पर टिकी हैं, जहां से हरी झंडी मिलते ही हिमाचल के विधायकों को बढ़ा हुआ वेतन मिलना शुरू हो जाएगा
Pls read:Himachal: शिमला में बारिश का कहर, पेड़ गिरने और भूस्खलन से तबाही, पेयजल संकट भी गहराया