Himachal: स्कूलों में बागवानी विषय शुरू होगा, आपदा प्रभावित स्कूलों की मरम्मत को प्राथमिकता

शिमला:

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज शिक्षा विभाग और हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में स्कूलों में बागवानी को एक व्यावसायिक विषय के रूप में शामिल करने, भर्तियों में तेजी लाने और हालिया आपदाओं से क्षतिग्रस्त शिक्षण संस्थानों की मरम्मत को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए।

स्कूलों में बागवानी की पढ़ाई, कॉलेजों में लौटेंगे पुराने विषय

बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, स्कूलों में बागवानी (Horticulture) को एक व्यावसायिक विषय के रूप में शामिल करने का फैसला किया गया। शिक्षा मंत्री ने HPBOSE को इस विषय के लिए उपयुक्त पाठ्यक्रम तैयार करने और दो सप्ताह के भीतर प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने छात्रों को विषयों का व्यापक विकल्प प्रदान करने के लिए कॉलेजों में लोक प्रशासन (Public Administration) जैसे महत्वपूर्ण शैक्षणिक विषयों को फिर से शुरू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

भर्ती और पदोन्नति में आएगी तेजी

भर्ती से संबंधित मुद्दों को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि एसएमसी शिक्षकों की सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा और उचित कार्रवाई के लिए उन्हें कैबिनेट में ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग ने लंबित पदोन्नति से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं और प्रधानाचार्यों (Principals) की पदोन्नति का मामला आवश्यक कार्रवाई के लिए हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया है।

आपदा से हुए नुकसान की भरपाई प्राथमिकता

शिक्षा मंत्री ने हालिया प्राकृतिक आपदाओं के कारण शिक्षण संस्थानों को हुए व्यापक नुकसान पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि लगभग 510 संस्थान प्रभावित हुए हैं, जिनसे अनुमानित 30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पीडीएनए (Post Disaster Needs Assessment) के तहत प्राप्त धन का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने का निर्देश दिया, जिसमें 75 प्रतिशत से अधिक क्षति वाले स्कूलों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने पुनर्निर्माण कार्यों की समय पर और गुणवत्तापूर्ण समाप्ति सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से भौतिक निगरानी करने पर भी जोर दिया।

छात्रों के लिए रचनात्मक गतिविधियां

मंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पास वृक्षारोपण अभियान आयोजित करने का प्रस्ताव रखा। साथ ही, 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए बाल मेले और विज्ञान प्रदर्शनियां आयोजित करने का निर्देश दिया ताकि उन्हें नए अनुभव मिलें और छोटी उम्र में जिज्ञासा को प्रेरणा मिले।

केंद्र से मांगी मदद, मिली सराहना

शिक्षा मंत्री ने अपने हालिया दिल्ली दौरे का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। उन्होंने राज्य के शिक्षण संस्थानों को हुए नुकसान से उन्हें अवगत कराया और केंद्र से रूसा (RUSA) योजना के तहत लंबित 180 करोड़ रुपये जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है और शिक्षा विभाग के प्रयासों की सराहना की है, विशेष रूप से उन सुधारों की जिनके कारण हिमाचल प्रदेश ने परख (PARAKH) और एनएएस (NAS) में पांचवां स्थान हासिल किया है।

बैठक में HPBOSE के अध्यक्ष डॉ. राजेश ने मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता में सुधार के लिए बोर्ड द्वारा किए गए सुधारों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर शिक्षा सचिव राकेश कंवर, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत के शर्मा, स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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