नैनीताल : कार्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण कर अंधाधुंध अवैध निर्माण का मामला अब वन विभाग के गले की फांस बन गया है। हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र व राज्य सरकार के साथ ही पीसीसीएफ समेत पार्क अफसरों से जवाब तलब किया है। इस मामले में पीसीसीएफ को हलफनामा दाखिल करना है। साथ ही वन श्रमिकों को समान कार्य समान वेतन देने के आदेशों का अनुपालन नहीं करने व पेंशन प्रकरणों पर व्यक्तिगत रूप से पेश होना है। ऐसे करीब दो दर्जन मामले विचाराधीन हैं।
कार्बेट नेशनल पार्क में अवैध तरीके से किए गए अवैध निर्माणों के मामले का हाई कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने के बाद वन महकमे में खलबली मची है। बता दें कि एनटीसीए की कमेटी ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर सीटीआर में अवैध निर्माणों की जांच की और पाया कि सीटीआर में मोरघट्टी व फारेस्ट रेस्ट हाउस परिसर के कई क्षेत्रों में अवैध निर्माण कार्य चल रहे हैं। इसमें होटल, भवन, पुल व सड़क शामिल है। कमेटी ने इन निर्माणों को वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन-1927 व इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1972, वन अधिनियम 1980 का उल्लंघन करार देते हुए चीफ वाइल्ड लाइफ को अवैध निर्माण हटाने के आदेश भी दिए थे, लेकिन अब तक मामले में कार्रवाई नहीं हुई।