देहरादून/गैरसैंण: उत्तराखंड की राजनीति में युवा नेतृत्व की एक नई और प्रेरणादायक मिसाल देखने को मिली है। चमोली जिले के गैरसैंण स्थित ‘मुख्यमंत्री आदर्श गांव’ सारकोट की कमान अब 21 वर्षीय प्रियंका नेगी के हाथों में है। प्रियंका की इस ऐतिहासिक जीत पर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें फोन करके न केवल बधाई दी, बल्कि गांव के विकास के लिए मिलकर काम करने का वादा भी किया।
राजनीतिशास्त्र में स्नातक प्रियंका ने मारी बाजी
गैरसैंण ब्लॉक के सारकोट गांव में हुए पंचायत चुनाव में प्रियंका नेगी ने अपनी प्रतिद्वंदी प्रियंका देवी को हराकर शानदार जीत हासिल की। प्रियंका नेगी को जहां 421 मत मिले, वहीं प्रियंका देवी को 235 वोटों से संतोष करना पड़ा। दिलचस्प बात यह है कि राजनीतिशास्त्र में स्नातक प्रियंका का रिजल्ट भी चुनाव परिणाम से महज तीन दिन पहले ही आया था। उनके पिता राजे सिंह नेगी भी 2014 से 2019 तक गांव के प्रधान रह चुके हैं, जिससे राजनीति और समाज सेवा की समझ उन्हें विरासत में मिली है।
सीएम ने दिया विकास का भरोसा और महिलाओं को आगे बढ़ाने का मंत्र
मुख्यमंत्री धामी ने फोन पर न केवल प्रियंका को बधाई दी, बल्कि उन्हें देहरादून आने का निमंत्रण भी दिया। उन्होंने कहा कि जिले के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही गांव का निरीक्षण करेंगे। सीएम ने प्रियंका को गांव में चल रहे विकास कार्यों को पूरी लगन से आगे बढ़ाने और विशेष रूप से गांव की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “गांव की महिलाओं को आगे बढ़ाएं, उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जाए।”
क्यों खास है सारकोट गांव?
सारकोट चमोली जनपद के सबसे बड़े गांवों में से एक है, जहां 300 से अधिक परिवार निवास करते हैं। इस गांव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां से पलायन लगभग न के बराबर है। इसी खूबी के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भराड़ीसैंण में इसे ‘आदर्श गांव’ घोषित किया था। सीएम धामी व्यक्तिगत रूप से इस गांव के विकास कार्यों में रुचि ले रहे हैं।
अपनी जीत के बाद, नवनिर्वाचित प्रधान प्रियंका नेगी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए विकास कार्यों को आगे बढ़ाना और गांव की महिलाओं को जागरूक बनाकर हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। उनके पिता और पूर्व प्रधान राजे सिंह नेगी ने भी बेटी के हर प्रयास में पूरा सहयोग करने का वादा किया है।
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