Cricket: बेटे को मौका न मिलने पर भड़के अभिमन्यु ईश्वरन के पिता, चयनकर्ताओं पर उठाए सवाल

नई दिल्ली: इंग्लैंड के खिलाफ द ओवल में खेले जा रहे आखिरी और निर्णायक टेस्ट मैच में भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन की घोषणा के साथ ही एक नया विवाद खड़ा हो गया है। टीम में चार बड़े बदलावों के बावजूद, लंबे समय से अपने टेस्ट डेब्यू का इंतजार कर रहे युवा बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन को एक बार फिर नजरअंदाज कर दिया गया। टीम मैनेजमेंट ने उन पर भरोसा न जताकर करुण नायर को ही मौका दिया। इस फैसले के बाद अभिमन्यु के पिता रंगनाथन ईश्वरन का सब्र जवाब दे गया और उन्होंने टीम इंडिया के चयन मानदंडों पर गंभीर सवाल उठाते हुए अपनी भड़ास निकाली है।

“तीन साल से कर रहा हूं इंतजार”

लंबे समय से अपने बेटे को भारतीय टेस्ट जर्सी में देखने का सपना संजोए रंगनाथन ईश्वरन ने अपनी निराशा खुलकर जाहिर की। उन्होंने एक मीडिया बातचीत में कहा, “मैं अभिमन्यु के टेस्ट डेब्यू का इंतजार कर रहा हूं। मैं सालों से इंतजार कर रहा हूं, अब लगभग तीन साल हो गए हैं। एक खिलाड़ी का काम क्या होता है? रन बनाना। उसने वह काम किया है।”

उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि दिसंबर 2022 में बांग्लादेश दौरे के लिए पहली बार टेस्ट टीम में चुने जाने के बाद से अभिमन्यु लगातार टीम का हिस्सा तो हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ बेंच पर ही बैठाया जा रहा है।

प्रदर्शन के आंकड़ों से दिया जवाब

रंगनाथन ईश्वरन ने चयनकर्ताओं के तर्कों पर सवाल उठाते हुए घरेलू क्रिकेट में अपने बेटे के शानदार प्रदर्शन के आंकड़े सामने रखे। उन्होंने कहा, “जब अभिमन्यु ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले घरेलू सत्र में शानदार प्रदर्शन किया था, तब करुण नायर टीम में कहीं नहीं थे। करुण को दलीप ट्रॉफी या ईरानी ट्रॉफी के लिए भी नहीं चुना गया था। अगर आप पिछले एक साल के प्रदर्शन को देखें तो अभिमन्यु ने लगभग 864 रन बनाए हैं।” हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर इंडिया-ए के दो मैचों में अभिमन्यु का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था, लेकिन उनका मानना है कि घरेलू सत्र के प्रदर्शन को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

IPL नहीं, रणजी हो चयन का आधार

रंगनाथन ईश्वरन ने चयन प्रक्रिया की सबसे बड़ी खामी की ओर इशारा करते हुए कहा कि टेस्ट टीम का चयन आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “कुछ खिलाड़ी अपने आईपीएल प्रदर्शन के दम पर सुर्खियों में आ जाते हैं और टेस्ट टीम में जगह बना लेते हैं। यह गलत है। टेस्ट क्रिकेट के लिए टीम चुनते समय आईपीएल के प्रदर्शन को बिल्कुल भी ध्यान में नहीं रखा जाना चाहिए। रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट ही टेस्ट टीम में चयन का असली आधार होने चाहिए।”

उन्होंने अंत में कहा कि टीम मैनेजमेंट ने करुण नायर पर भरोसा जताया है, जिन्होंने 800 से ज्यादा रन बनाए हैं। यह चयनकर्ताओं का फैसला है, लेकिन इस फैसले से उनका बेटा (अभिमन्यु) थोड़ा उदास है, जो कि स्वाभाविक भी है।

 

Pls read:Cricket: फिनलैंड के महेश तांबे ने 8 गेंदों में 5 विकेट लेकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *