चंडीगढ़:
पंजाब में कोई भी बच्चा सड़कों पर रहने, भीख मांगने या शोषण का शिकार होने के लिए मजबूर न हो, इस दृढ़ संकल्प के साथ मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। राज्य में चल रहे अभियान ‘प्रोजेक्ट जीवनजोत-2’ के तहत अब तक कुल 208 बच्चों को भिक्षावृत्ति के दलदल से मुक्त कराया गया है।
इस अभियान के तहत हाल ही में की गई एक राज्यव्यापी कार्रवाई में, 20 विशेष जांच और छापेमारी के दौरान 5 और बच्चों को बचाया गया और उन्हें राहत प्रदान की गई।
यह जानकारी देते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया, “‘जीवनजोत’ का उद्देश्य बच्चों को सड़कों से उठाकर शिक्षा और सुरक्षा की व्यवस्था में लाना है।”
राज्य भर में हुई कार्रवाई
डॉ. कौर ने बताया कि आज बरनाला, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, फाजिल्का, होशियारपुर और जालंधर में विशेष ऑपरेशन चलाए गए। इसके अलावा कपूरथला, मानसा, मलेरकोटला, मोगा, पटियाला, रूपनगर, संगरूर, एसएएस नगर, एसबीएस नगर, श्री मुक्तसर साहिब और तरनतारन में भी अतिरिक्त जांच की गई।
इन कार्रवाइयों के दौरान फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, रूपनगर, संगरूर और श्री मुक्तसर साहिब से एक-एक बच्चे को मुक्त कराया गया।
बच्चों का पुनर्वास और माता-पिता को चेतावनी
मंत्री ने आगे बताया कि बचाए गए 5 बच्चों में से 3 मामलों में, परामर्श और दस्तावेजों के सत्यापन के बाद बच्चों को उनके माता-पिता को इस सख्त चेतावनी के साथ सौंप दिया गया कि भविष्य में इस तरह का शोषण दोबारा नहीं होना चाहिए। अन्य दो बच्चों को सुरक्षित रूप से बाल देखभाल संस्थानों में रखा गया है।
डॉ. कौर ने दोहराया कि यदि कोई भी माता-पिता दोबारा ऐसा व्यवहार करते हुए पाया जाता है, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि आज के बचाव अभियानों में डीएनए परीक्षण की आवश्यकता वाला कोई भी मामला सामने नहीं आया। उन्होंने जिला बाल संरक्षण टीमों और जिला बाल कल्याण समितियों की त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई की प्रशंसा की।
जनता से सहयोग की अपील
डॉ. बलजीत कौर ने जनता से बाल भिक्षावृत्ति मुक्त और ‘रंगला पंजाब’ बनाने के लिए सरकार के प्रयासों में सक्रिय रूप से सहयोग करने की पुरजोर अपील की।
उन्होंने आग्रह किया, “यदि आप कहीं भी किसी बच्चे को भीख मांगते हुए देखते हैं, तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 या स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।” यह अभियान सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो यह सुनिश्चित करना चाहती है कि राज्य का हर बच्चा एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जिए।
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