Himachal: 4 दिन की मैराथन कैबिनेट बैठक में होंगे 30 बड़े फैसले, CM ने राज्यपाल और BJP पर साधा निशाना

शिमला। हिमाचल प्रदेश में पहली बार एक अभूतपूर्व कदम के तहत, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में लगातार चार दिनों तक चलने वाली मंत्रिमंडल की बैठकें शुरू हो गई हैं। सोमवार को बैठक से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे ‘व्यवस्था परिवर्तन’ का जीवंत उदाहरण बताया और कहा कि इन मैराथन बैठकों का उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर हिमाचल’ की नींव को और मजबूत करना है।

30 एजेंडों पर होगी विस्तृत चर्चा

सोमवार से गुरुवार तक चलने वाली इन बैठकों में कुल 30 से अधिक एजेंडे शामिल किए गए हैं, जिन पर विस्तृत चर्चा होगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ये बैठकें महज दो-दो घंटे की औपचारिक कार्रवाई नहीं होंगी, बल्कि इनमें प्रदेश के भविष्य से जुड़े गंभीर विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।

बैठक के प्रमुख एजेंडे:

  • नकल पर नकेल: परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए मौजूदा कानून में और भी कड़े प्रावधान शामिल किए जाएंगे, ताकि इसे पूरी तरह से खत्म किया जा सके।

  • किसानों को राहत: मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब और अन्य फलों के समर्थन मूल्य में 50 पैसे प्रति किलोग्राम की वृद्धि का प्रस्ताव है, जिससे बागवानों को सीधा लाभ मिलेगा।

  • ग्रामीण आय में वृद्धि: ग्रामीण महिलाओं और युवक मंडलों की आय बढ़ाने के लिए विशेष योजनाओं पर निर्णय लिया जा सकता है।

  • अन्य महत्वपूर्ण फैसले: राजीव गांधी नव संवर्धन योजना में संशोधन और राज्य की जल विद्युत परियोजनाओं में सुरक्षा के लिए नई पुलिस पोस्ट खोलने जैसे मुद्दों पर भी विचार किया जाएगा।

राज्यपाल और भाजपा पर सीएम सुक्खू का पलटवार

कैबिनेट बैठक के अलावा मुख्यमंत्री सुक्खू ने हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी।

  • राज्यपाल को नसीहत: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा नशे पर दिए गए बयान पर सीएम सुक्खू ने कहा, “वह एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं, उन्हें हिमाचल पर ऐसी टिप्पणी शोभा नहीं देती।” उन्होंने अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने पिट एनडीपीएस एक्ट लागू किया है और नशा कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए 3575 पंचायतों की मैपिंग की जा रही है।

  • भाजपा पर साधा निशाना: दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में भाजपा नेताओं की केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “अच्छा होता कि ये नेता 2023 और 2024 में भी मिलते, जब प्रदेश भयंकर आपदा से जूझ रहा था, और आपदा राहत की राशि लाते।” उन्होंने शर्त रखते हुए कहा कि हिमाचल सरकार भी नड्डा के नेतृत्व में केंद्र से मिलने को तैयार है, बशर्ते केंद्र सरकार आपदा में जमीन खो चुके लोगों को बसाने के लिए वन भूमि प्रदान करने में छूट दे।

इसके अलावा, सीएम सुक्खू ने सराज के थुनाग में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ हुए दुर्व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि तिरंगे का अपमान बिल्कुल सहन नहीं किया जाएगा और एफआईआर दर्ज होने के बाद मंत्री से चर्चा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

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